नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने अभिनेता अक्षय कुमार और अरशद वारसी अभिनीत अपकमिंग फिल्म जॉली एलएलबी थ्री के गाने भाई वकील है, को चुनौती के मामले में निर्माता-निर्देशक जयंती पाहवा को आवश्यक पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी है। इसी के साथ मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को नियत की गई है।
फिल्म की रिलीज डेट 19 सितंबर है। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान जनहित याचिकाकर्ता गोविंद भवन कॉलोनी, साउथ सिविल लाइंस, जबलपुर निवासी अधिवक्ता प्रांजल तिवारी की ओर से अधिवक्ता प्रमोद सिंह तोमर व आरजू अली ने पक्ष रखा। उन्होंने फिल्म के निर्माता और निर्देशक को पक्षकार बनाने की अनुमति चाही। कोर्ट ने अनुमति दे दी।
सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से उपस्थित वकील ने अदालत को सूचित किया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट से भाई वकील है, गाने के विरुद्ध कार्रवाई की मांग वाली एक समान रिट याचिका निरस्त की जा चुकी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी इस आधार पर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की प्रार्थना को नामंजूर कर दिया था।
उस याचिका में गाने के जरिए कथित तौर पर न्यायपालिका और कानूनी पेशे को बदनाम किए जाने का आरोप लगाया गया था। उक्त जानकारी को रिकॉर्ड पर लेकर हाई कोर्ट ने सवाल किया कि प्रस्तुत जनहित याचिका में निर्माता-निर्देशक के उल्लेख के अभाव में कोई आदेश कैसे पारित किया जा सकता है।
लिहाजा, जनहित याचिका में निर्माता-निर्देशक को आवश्यक पक्षकार बनाया जाना चाहिए। जनहित याचिका में कहा गया है कि गाने में फिल्म में वकीलों की भूमिका निभा रहे अभिनेताओं को इस तरह से नाचते हुए दिखाया गया है जो कानूनी पेशे में गरिमा, जिम्मेदारी और गंभीर कर्तव्य के प्रतीक नेकबैंड पहने हुए कानूनी बिरादरी का अपमान और उपहास करता है। याचिका के अनुसार, चित्रण न केवल अपमानजनक है, बल्कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा-पांच-बी के तहत निर्धारित सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है।