Kah Gaye Sahab Column : जनता की सुनवाई का दिन और समय तय है, पर बड़े साहब के काम करने का न तो समय तय है न ही दिन। हर दिन की तरह मंगलवार को भी बड़े साहब घर से ट्रैक सूट पर मार्निंग वाक करने के लिए निकले थे। उन्हें तय समय पर घर पहुंचना था, ताकि समय पर कलेक्ट्रेट पहुंच गए, पर ऐसा नहीं हुआ। साहब निकले तो मार्निंग वाक पर थे, पर यहां से वे घर जाने की बजाय जनसुनवाई करने कार्यालय पहुंच गए। ट्रैक सूट में ही उन्होंने जनसुनवाई शुरू कर दी। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में शिकायतकर्ता उनके सामने शिकायत लेकर खड़े थे। इधर, साहब ने अपने पहनावे पर ध्यान देने की बजाय लोगों की शिकायतों का समाधान करने पर जोर दिया। ट्रैक सूट पहने ही उन्होंने डेढ़ सौ से ज्यादा आवेदकों की शिकायतों का मौके पर समाधान कर दिया। इधर, उनके साथ बैठे अधिकारी और कदम से कदम मिलाने वाले सहकर्मी उन्हें देखते रह गए।
साहब को महंगी पड़ गई व्यवस्था-
मामला थोड़ा गंभीर है, लेकिन साहब और उनके चेलों ने इसे दबाने में ऐसा जोर लगाया है कि उसकी गूंज, वेटरनरी विभाग से लेकर भोपाल तक जा पहुंची है। वेटरनरी विभाग के एक बड़े साहब, दौरे पर निकले। दौरा खत्म करने से पहले ही उन्होंने अपने चेलों को पार्टी की व्यवस्था करने के दिशा-निर्देश जारी किए। पहले,जिम्मेदारी वेटरनरी डाक्टर को दी गई, लेकिन वो, साहब की उम्मीद पर खरे नहीं उतरे। फिर यह जिम्मेदारी एक एवीएफओ के कंधे पर आई। इन्होंने साहब के कहे मुताबिक सारी व्यवस्था की, लेकिन पार्टी की लोकेशन तय करने में चूक हो गई। हुआ यह कि पार्टी शुरू होते ही होटल की संचालिका के पति, वहां औचक पहुंचे और साहब को जाम झलकाते देख आग बबूला हो गए। उन्होंने मोबाइल से साहब का वीडियो बना लिया। यह देख हड़कंप मच गया। चेलों ने पति को खर्चा-पानी देकर मामला ठंडा किया, पर इसकी खबर विभाग और भोपाल पहुुंच गई है।
मेडम से ठुकराया आफर, फूट गए लड्डू
पद की लालसा हर इंसान को होती है। कई इसे पाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं तो कई चापलूसी से ही सफलता लेने में जुटे रहते हैं, हां, पर किस्मत वालों को ही पद मिलता है। और तो और कई ऐसे भी हैं, जो जिस पद पर बने हैं, उन्हें वहीं पद और उसका काम पसंद है। अब वेटरनरी विश्वविद्यालय में ही देख लें। यहां की एक मेडम साहिबा को कालेज डीन बनने का आफर मिला। मेडम ने इस आफर पर मंथन किया। अंतिम निर्णय यह लिया कि उन्होंने डीन बनने का आफर ठुकरा दिया। इसकी जानकारी लगते ही वेटरनरी कालेज से लेकर विश्वविद्यालय तक खुशी की लहर आग की दौड़ी। विद्यार्थियों के साथ कर्मचारियों और उनके अधिकारियों ने यह खुशी कहीं जाहिर तो नहीं की, लेकिन उनके मन में जमकर लड्डू फूटे। उन्हें डर था कि कहीं मेडम को कालेज का डीन बना दिया तो उन्हें काम से ज्यादा सलाम करना पड़ेगा।
कौन बनेगा कृषि विश्वविद्यालय का बड़ा साहब
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय का बड़ा साहब कौन होगा, यह तीन दिन के भीतर तय हो जाएगा। बड़े साहब की खोज अब अंतिम चरण में है। पांच मजबूत दावेदारों के नाम लगभग तय हो गए हैं और अब इन पांच में से एक का नाम सामने आना है। यह नाम आने से पहले इन पांचों दावेदारों ने बड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। आज इनकी परीक्षा भोपाल के राजभवन में होने जा रही है। इस परीक्षा में सभी को अपनी योग्यता, अनुभव और विश्वविद्यालय चलाने की योजना का ज्ञान वरिष्ठ परखेंगे। सुना है कि इस बार विश्वविद्यालय में जिन दावेदारों को भोपाल बुलाया गया है, उसमें कई वरिष्ठ, अनुभवी और मजबूत दावेदार हैं। उन्होंने बड़ा साहब बनने के लिए पूरी तैयार कर ली है। इधर, इन दावेदारों में से एक दावेदार को सबसे मजबूत बताया जा रहा है, लेकिन इसमें भी एक बड़ा पेच आ गया है। अब देखो होता क्या है।