
Jabalpur News : नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर के निजी स्कूलों में किताब-कापी, यूनिफार्म से लेकर स्टेशनरी, स्कूल बैग और जूते तक में कमीशन कमाने कोई मौका नहीं छोड़ रहे। जबलपुर में 50 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जो खुद किताब-कापियों का प्रकाशन करते हैं। बच्चों की यूनिफार्म तक तैयार करते हैं। यह सब बेचने के लिए वे न तो बुक डिपो का सहारा लेते हैं और न ही कोई स्टाल लगाते हैं, बल्कि इन स्कूलों ने खुद की वेबसाइट तैयार की है, जिनमें वे इसे बेचते हैं। इन किताब-कापी और यूनिफार्म के दाम, बाजार मूल्य से कई गुना ज्यादा हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक, स्कूल की वेबसाइट से आनलाइन खरीदी करने मजबूर होते हैं। पुस्तक मेला अब सोमवार को भी आयोजित किया जाएगा।
दरअसल शहर में माउंड लिट्रा स्कूल, अर्चिड इंटरनेशल, पाेद्दार इंटरनेशन, बेला बाउन जैसे कई स्कूल हैं, जो अपनी वेबसाइट पर खुद की किताब, कापी, यूनिफार्म बेच रहे हैं। इधर जिला प्रशासन ने अब तक बुक डिपो पर ही शिकंजा कसा है, जबकि यह स्कूल भी बुक डिपो की तर्ज पर ज्यादा कमीशन कमाने के लिए खुद की प्रकाशक और यूनिफार्म निर्माता बन गए हैं।
बुक फेयर लगे रविवार को पांच दिन हो गए, लेकिन अभी भी कई अभिभावक, किताब-कापियों के लिए परेशान हो रहे हैं। बुक फेयर में किताबों का सेट ही नहीं मिल रहा। इधर शिक्षा विभाग का दावा है कि जिन स्कूलों की किताबें नहीं मिल रही हैं, उनके प्रभारियों को मेले में बुलाकर इस समस्या को दूर किया गया है, लेकिन अभिभावकों का कहना है कि यह सब खानापूर्ति की गई। अभी भी सेंट्रल एकेडमी स्कूल, नालंदा पब्लिक स्कूल, लेनार्ड स्कूल, जानसन स्कूल, गुरूनानक स्कूल, आरएस बेला स्कूलों की किताब नहीं मिल रहीं। वही प्रशासन ने यह दावा किया था कि जिन स्कूलों की बुक नहीं मिलेंगी, उन्हें बदला जाएगा, लेकिन इस ओर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसको लेकर जहां बुक डिपो वालों से किताब न होने की बात कहकर हाथ खड़े कर लिए हैं, वहीं स्कूलों ने अब तक न मिलने वाली किताबों काे कोर्स से नहीं हटाया है।
जिला प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों और प्रकाश पब्लिशर्स तथा कतिपय बुक सेलर्स की मनमानी से अभिभावकों को राहत दिलाने के लिए इन दिनों गोलबाजार शहीद स्मारक प्रांगण में पुस्तक मेला लगाया गया है। पांच दिवसीय मेले में आने वाले अभिभावकों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इसे अब छह दिन तक लगाने का निर्णय लिया है। इस मेले में प्रतिस्पर्धी एवं न्यूनतम दर पर कॉपी-किताबे, यूनिफार्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसके बाद पुस्तक मेला अब सोमवार को भी आयोजित किया जाएगा। पुस्तक मेला में रविवार काे बड़ी संख्या में अभिभावक यहां पहुंचे और बच्चाें की किताब, कापी और यूनिफार्म ली। इस दौरान मतदाता जागरूकता का कार्यक्रम के तहत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर लोकसभा निर्वाचन में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रेरित भी किया गया।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शन मंच ने प्रदेश के स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि को लेकर शिकायत की है। यह शिकायत आयुक्त, लोक शिक्षण विभाग से की है। शिकायत में कहा है कि न सिर्फ जबलपुर, बल्कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत प्रदेशभर के स्कूलों ने 10 फीसदी से ज्यादा फीस वृद्धि की है, लेकिन स्कूलों कने नियमानुसार 90 दिनों के पहले इस संबंध में कोई जानकारी अपने पोर्टल में अपलोड नहीं की। जबकि निजी विद्यालय के फीस संबंधित अधिनियम दो दिसंबर 2020 को जारी किए गए। इसमें 90 दिन पहले फीस बढ़ोत्तरी की जानकारी अपलोड करनी थी। इसको लेकर आठ फरवरी 2024 को लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी कलेक्टर को निर्देश जारी कर इसका पालन करने कहा था। मंच ने मांग की है कि दोषी निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।