
जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना से सबक लेते हुए पश्चिम मध्य रेलवे जोन सतर्क हो गया है। ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे ने पटरियों से लेकर सिग्नल और प्वाइंट का आडिट शुरू किया है। पटरियों की सुरक्षा में तैनात ट्रैकमेन, प्वाइंटमेन, चाबीमेन, गेटमेन की समस्या सुनने और उनका समाधान करने के लिए रेल अधिकारी, फील्ड पर निकल रहे हैं।
जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम विवेक शील भी संरक्षा से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों की काउंसलिंग कर रहे हैं। वे सिग्नल और प्वाइंट आपरेट करने वालों से वन-टू-वन चर्चा कर रहे हैं। ट्रेनों के सुरक्षित आवागमन के लिए रूट रिले इंटरलाकिंग यानी आरआरआइ की सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं की समीक्षा की रही है। यह अभियान पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर के साथ भोपाल और कोटा मंडल संरक्षा अभियान चला रहे हैं।
डीआरएम बोले शार्टकट से नहीं, सिस्टम से करें काम - संरक्षा अभियान के जरिए डीआरएम विवेक शील ने सिग्नल एवं टेलीकाम विभाग में जबलपुर मंडल के स्टेशनों से आए वरिष्ठ सिग्नल एवं टेलीकाम सुपरवाइजरों के साथ शुक्रवार को बैठक की। इस दौरान उन्होंने सीधा संवाद करते हुए विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की व्यक्तिगत समस्याओं को सुना और उनके समाधान के निर्देश दिए।
डीआरएम ने स्टाफ को समर्पित होकर काम करने और किसी भी काम को शार्टकट मैथड से काम नहीं करने की सलाह दी। इस दौरान वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं टेली. इंजी.(समन्वय) विराट गुप्ता, मंडल सिग्नल एवं टेली इंजी. राजश्री द्विवेदी तथा मंडल तकनीकी सेल के सभी सुपरवाइजर मौजूद रहे।
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के बाद जबलपुर रेल मंडल की सीमा में आने वाले भिटौनी पेट्रोल प्लांट में रेल दुर्घटना हो चुकी है। यहां एलपीजी गैस से भरे एक वैगन के पहिए पटरी से उतर गए। इसके बाद ऐसा हड़कंप मचा कि डीआरएम से लेकर संरक्षा और सुरक्षा से जुड़े आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया और फिर अगले दिन अधिकारियों के साथ बैठक की।
ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए रेलवे हमेशा से संरक्षा को प्राथमिकता पर रखता है। हम कर्मचारी, विभाग, सिस्टम हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि छोटी से छोटी कमी भी न रहे।
विश्वरंजन, सीनियर डीसीएम, जबलपुर रेल मंडल
