
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल व न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने जबलपुर के हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के वकील से पूछा है कि क्या वह मामले में उल्लेखित मौजूदा विधायक व खनन कारोबारी को पक्षकार बनाना चाहते हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने इस सिलसिले में याचिकाकर्ता से निर्देश प्राप्त करने के लिए समय की राहत चाही। जिसे स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को नियत कर दी।
दरअसल, अब्दुल रज्जाक की ओर से दायर मामले में कहा गया है कि सरकार द्वारा उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है। दलील दी गई कि उनके विरुद्ध दर्ज कई मामलों में अभी तक अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है। जैसे ही एक मामले में जमानत मिलती है, उसी समय दूसरे प्रकरण में गिरफ्तारी दिखा दी जाती है।
यह न्यायिक प्रक्रिया के साथ छलावा है। याचिका में आरोप है कि व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई पूर्व कैबिनेट मंत्री व मौजूदा विधायक के इशारे पर की जा रही है। पुलिस इशारे पर काम कर रही है। याचिका में मौजूदा विधायक के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता रज्जाक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद अली पैरवी कर रहे हैं।