Mantra Jaap Benefits: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में अनेक प्रकार के मंत्र, यंत्र, तंत्रों के बारे में सुनता रहा है। व्यक्ति मंत्रों के सहारे बड़ी जल्दी अपनी मंजिल तक पहुंचना चाहता है। यह बहुत कम लोगों को पता है कि लाखों प्रयास के बावजूद भी मंत्र जाप के बाद लोगों को सफलता नहीं मिल पाती। इसका कारण वह समझ नहीं पाते। मंत्र जाप की सफलता में ज्योतिषी और गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण है। बिना इनके मंत्र जाप में सफलता संदिग्ध ही रहती है, इसलिए अगर आप मंत्र जाप कर रहे हैं तो अपने ज्योतिषी या गुरु से मंत्र दीक्षा लेकर ही उनके द्वारा बताए अनुसार मंत्रों का जाप करें तो सफलता भी जीवन में अवश्य मिलेगी।
कौन सा मंत्र का जाप करें : ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे बताते हैं कि मंत्र जपने से पहले कौन सा मंत्र ज्योतिष के हिसाब से उपयोगी व शीघ्र सफलता देने वाला है यह आपके नाम व मंत्र के अक्षर ज्ञान से समझें। इसके बाद किस दिन, नक्षत्र, दिशा, रंग, पहर, माला, योगिनी, चंद्रमा, अधीनस्थ ईष्ट की जानकारी के बाद ही मंत्र की साधना करना चाहिए। यह बात अलग है कि कुछ लोग पारंपरिक तरीके से मंत्र की विधि दूसरों को बता देते हैं पर वह ज्योतिष सम्मत ही होती है।
छह प्रकार के मंत्र : यदि मंत्रों को 6 भागों में बांट दें तो शांति कर्म वशीकरण स्तंभन विद्वेषण उच्चाटन मारण आदि पर योग बनते हैं। उनके देवता भी अलग-अलग हैं। जाप से पहले उनका आव्हान और पूजन करके ही मंत्र जाप किया जाता है।
दिशाएं हैं महत्वपूर्ण : ज्योतिषाचार्य पंडित प्रवीण मोहन शर्मा का कहना है कि शांति प्राप्त करने के लिए ईशान दिशा, वशीकरण के लिए उत्तर, स्तंभन के लिए पूर्व दिशा, विद्वेषण के लिए नेऋत्य, उच्चाटन के लिए धायव्य तथा मारण के लिए अग्नि कोण में मुख करके मंत्र जाप किया जाता है।
समय का विशेष महत्व : मंत्र जाप में समय का विशेष महत्व है इसके बगैर मंत्र जाप असफल ही रहेगा। शांति प्रयोग के लिए दोपहर के बाद शहर में वशीकरण के लिए शाम का समय एवं मारण के लिए रात्रि का प्रयोग किया जाता है।
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