नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर (Vijay Shah Sofia Qureshi Case): मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर पीठ ने प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए शर्मनाक बयान के बाद स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई अदालती कार्रवाई बंद कर दी है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के आधार पर यह निर्णय लिया गया है।
इशसे पहले न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल व न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने मंत्री के बयान को गटर छाप बताते हुए मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। हाई कोर्ट ने मंत्री के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश डीजीपी को दिए थे।
इसके बाद मानपुर थाने में मंत्री के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई। अगले दिन सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा दर्ज की गई एफआइआर को कमजोर व असंतोषजनक निरूपित किया था।
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इस बीच, हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने राज्य शासन को निर्देश दिए हैं कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी व सावधानी से दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराएं। कोर्ट ने कहा है कि यदि बच्चा जीवित पैदा होता है तो उसकी देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
सागर निवासी एक पिता ने याचिका दायर कर बताया कि उसकी बेटी नाबालिग है और दुष्कर्म की शिकार है। दुष्कर्म के कारण कुछ दिन बाद वह गर्भवती हो गई। याचिका में कहा गया कि चूंकि पीड़िता शारीरिक रूप से दिव्यांग भी है। यदि वह गर्भ को रखती है तो उसे परेशानी होगी और उसकी जान भी खतरे में आ सकती है।
वहीं सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में गर्भपात कराने की अनुमति दी। कोर्ट ने डॉक्टरों को कहा कि वे गर्भपात के जोखिम के बारे में पीड़िता व उसके परिवार वालों को बताएं। उसे सभी मेडिकल सुविधाएं प्रदान की जाएं।