मप्र हाई कोर्ट ने सरपंच को पद से हटाने और रिकवरी पर लगाई रोक
मंडला जिले की सरपंच गुलवंशा मरकाम को पद से हटाने व उनके खिलाफ रिकावरी आदेश के क्रियान्वयन पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी।
By Ravindra Suhane
Edited By: Ravindra Suhane
Publish Date: Fri, 28 Jan 2022 11:46:31 AM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Jan 2022 11:46:31 AM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मंडला जिले की रैगांव ग्राम पंचायत की सरपंच गुलवंशा मरकाम को पद से हटाने व उनके खिलाफ रिकावरी आदेश के क्रियान्वयन पर हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी। न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त जबलपुर, मंडला कलेक्टर व जिला पंचायत के सीइओ को नोटिस
जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए। रैगांव की सरपंच, प्रधान गुलवंशा मरकाम की ओर से अधिवक्ता सुशील कुमार मिश्रा ने दलील कि विधिक प्रक्रिया का पालन किए बिना उनके मुवक्किल के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि चार अगस्त, 2021 को मंडला के जिला पंचायत सीइओ ने सरपंच को पद से अगल करने और वसूली का आदेश जारी किया। इतना ही नहीं उन्हें छह साल के लिए चुनाव लड़ने से भी अयोग्य घोषित कर दिया।
नियम के अनुसार कारण बताओ नोटिस जारी करने के 90 दिन के भीतर आदेश करना जरूरी है, जबकि सीईओ ने एक साल बाद आदेश जारी किया। इसके अलावा नियम के अनुरूप वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति भी नहीं ली। उन्होंने बताया कि निर्वाचित सरपंच को हटाने से पहले रिकार्ड अवलोकन व आरोपित के समक्ष जांच जरूरी है। इसके अलावा आरोपित को चार्जशीट की कापी उपलब्ध कराना भी जरूरी है। इन नियमों का पालन किए बगैर एकतरफा कार्रवाई करते हुए सीइओ ने उक्त आदेश जारी कर दिया।
निलंबित ग्राम पंचायत सचिव एक सप्ताह में बहाल : संभागायुक्त कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए निलंबित ग्राम पंचायत सचिव को एक सप्ताह में बहाल कर दिया गया। ग्राम पंचायत गुड़ाकला, जनपद पंचायत बरबारा, जिला कटनी के सचिव बृज किशोर मिश्रा की ओर से अधिवक्ता शंकर प्रसाद सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 16 नवंबर, 2021 को ग्राम सांगी, ग्राम पंचायत गुराकला में आयोजित कोविड वैक्सीनेशन शिविर में अनुपिस्थत रहने के आधार पर सीइओ जिला पंचायत कटनी ने निलंबित कर दिया था।
इस आदेश के खिलाफ संभागायुक्त के समक्ष अपील की गई। संभागायुक्त कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर आदेश पर पुनिर्विचार के निर्देश दिए। जिसका पालन करते हुए याचिकाकर्ता को बहाल करते हुए ग्राम पंचायत बदरी जनपद पंचायत बरबारा में आगामी आदेश तक के लिए पदस्थ कर दिया गया। इससे पूर्व दलील दी गई कि निलंबन मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के प्रविधानों के विपरीत किया गया था। नैसर्गिक न्याय-सिद्यांत के विपरीत कार्रवाई अनुचित थी।