MP High Court: एंबुलेंस घोटाले में कार्रवाई नहीं होने पर सरकार को काउंटर एफिडेविड पेश करने मिला समय
समिति ने स्कूल बस, ट्रैक्टर और अन्य वाहनों के नंबर पर एंबुलेंस का भुगतान कराया। इससे शासन को लगभग 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
By Ravindra Suhane
Edited By: Ravindra Suhane
Publish Date: Sun, 08 Aug 2021 01:05:00 PM (IST)
Updated Date: Sun, 08 Aug 2021 01:05:44 PM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। डिंडौरी में एंबुलेंस घोटाले को लेकर लगी याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई करते हुए मामले में सरकार को जवाब पेश करने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई 24 अगस्त को निर्धारित की है।
विदित हो कि मामला पूर्व में भी हाई कोर्ट के संज्ञान में आ चुका है जिसमें कोर्ट ने 2016 में संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक कार्रवाई न होने पर पुन: याचिका दायर की गई।
डिंडौरी निवासी वीरेंद्र केशवानी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2011 में गजानंद शिक्षा एवं जनकल्याण समिति ने दीनदयाल चलित अस्पताल योजना के तहत स्वास्थ्य केंद्रों में एंबुलेंस किराए पर लगाई थी। इस समिति के अध्यक्ष पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता ओमप्रकाश धुर्वे और सचिव उनकी पत्नी ज्योति धुर्वे थी। समिति ने स्कूल बस, ट्रैक्टर और अन्य वाहनों के नंबर पर एंबुलेंस का भुगतान करा लिया। इससे शासन को लगभग 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ। डिंडौरी के तत्कालीन कलेक्टर ने समिति पर एफआइआर और रिकवरी करने का आदेश दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
इस मामले में हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में कार्रवाई का निर्देश दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। अधिवक्ता राजेश चंद ने तर्क दिया कि इस मामले में जानबूझकर कार्रवाई नहीं की जा रही है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए समय दे दिया है। सरकार को इस मामले में 24 अगस्त तक हर हाल में अपना जवाब पेश करना है।