जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन व नरसिंहपुर के निजी अस्पतालों से बची हुई वैक्सीन वायल्स-डोज वापस लेकर पांच लाख 56 हजार 500 रुपये लौटाने का आदेश सुनाया है। संबंधित जिलाें के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को लौटाई जाने वाली वैक्सीन डोज वेरीफाइ करने के बाद अस्पतालों को राशि मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस सुजय पॉल की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, जबलपुर व नर्सिंग होम एसोसिएशन की अंतरिम अर्जीपर सुनवाई हुई। उनकी ओर से दलील दी गई कि केंद्र सरकार की संशोधित वैक्सीन पॉलिसी के तहत वैक्सीनेशन निश्शुल्क हो रहा है। ऐसे में पूर्व नीति के तहत खरीदी गई वैक्सीन डोज, जो कि उपयोग में नहीं आई हैं, वे लौटाकर रकम वापस चाहिए। जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन व नरसिंहपुर के निजी अस्पताल बची हुई वैक्सीन वायल्स-डोज वापस करने तैयार हैं।
10 अस्पतालों के पास बची हुई डोज : जबलपुर के पांडे हॉस्पिटल के पास 700 डोज, केजे मोमोरियल के पास 100 डोज, लाइफ मेडिसिटी के पास 85 वायल्स, निर्मल छाया के पास 15 वाइल्स, महाकोशल अस्पताल के पास 35 वायल्स हैं। ग्वालियर के ममता हॉस्पिटल के पास 30 वाइल्स, उज्जैन के पाटीदार अस्पताल के पास 31 वायल्स, जबलपुर के सप्तर्षी के पास 250 डोज, आदित्य के पास 28 वाइल्स व नरसिंहपुर के पाडरकर हॉस्पिटल के पास 10 वायल्स मौजूद हैं।
नकली नोट बनाने के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज : प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी देवदत्त की अदालत ने नकली नोट बनाने वाले नरेश आसवानी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अभियोजन के अनुसार समता काॅलोनी निवासी नरेश आसवानी को हनुमानताल पुलिस ने आठ जून को गिरफ्तार किया था। आरोपित के पास से नकली नोट बरामद किए गए थे। आरोपित के कब्जे से कलर प्रिंटर भी बरामद किया गया था। शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवर्षि पिंचा ने दलील दी कि यदि आरोपित को जमानत दी गई तो वह साक्ष्य प्रभावित कर सकता है। सुनवाई के बाद न्यायालय ने जमानत निरस्त कर आरोपित को जेल भेज दिया है।