MP High Court: फर्जी जाति व मूल निवासी प्रमाण-पत्र मामले में नोटिस
फर्जी जाति व मूल निवासी प्रमाण-पत्र के मामले को जबलपुर हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया।
By Ravindra Suhane
Edited By: Ravindra Suhane
Publish Date: Tue, 09 Nov 2021 12:42:48 PM (IST)
Updated Date: Tue, 09 Nov 2021 12:42:48 PM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। फर्जी जाति व मूल निवासी प्रमाण-पत्र के मामले को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया। इसी के साथ इस सिलसिले में ठोस जानकारी तलब कर ली। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील से फर्जी जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र बनवाने के मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। इस संबंध में कोई कोताही न बरतने की ताकीद दी गई है।
पन्ना अजयगढ़ निवासी देशराज प्रजापति की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश बांदा के रहने वाले लगभग 70 लोगों ने पन्ना के अजयगढ़ से अनुसूचित जाति प्रजापति का जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाया। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरियां हासिल की। वर्ष 2000 में इस मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की गई। मुख्य सचिव के निर्देश पर कलेक्टर पन्ना ने मामले की जांच कराई। वर्ष 2006 में प्रस्तुत की गई जांच रिपोर्ट में पाया गया कि सभी के जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र फर्जी तरीके से बनाए गए है। जांच समिति ने सभी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। कलेक्टर की जांच रिपोर्ट पर मुख्य सचिव ने छानबीन समिति बनाई। छानबीन समिति ने जांच के बाद पाया गया कि सभी के जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र सही है। अधिवक्ता अमित बाजपेयी ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच कराई जाना चाहिए। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है।