Mp Highcourt : आयुष डॉक्टर्स भी 65 साल तक सेवा में बने रहने के हकदार
Mp Highcourt : हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्ति के मामले में आयुष विभाग के प्रमुख सचिवों को नोटिस जारी कर तलब किया है।
By Brajesh Shukla
Edited By: Brajesh Shukla
Publish Date: Sat, 20 Nov 2021 05:40:00 PM (IST)
Updated Date: Sat, 20 Nov 2021 05:40:47 PM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने चिकित्सकों की सेवा से जुड़े एक अहम मामले में अभिमत दिया है कि एलोपेथिक डॉक्टरों की तरह आयुष डॉक्टर्स भी 65 वर्ष की आयु तक सेवा में बने रहने के हकदार हैं। इस मत के साथ चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने भोपाल में कार्यरत आयुष अधिकारी डॉ मीता बिसारिया (होम्योपेथी) को 65 वर्ष की आयु तक कार्य करते रहने की अनुमति प्रदान कर दी।
दरअसल, डॉ बिसारिया ने राज्य सरकार के मप्र शासकीय सेवक अधिवार्षिकी आयु संशोधन अधिनयम 2011 की वैधानिकता को चुनौती दी है। इसके तहत एलोपेथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष जबकि आयुष चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष निर्धारित है। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने विधि एवं विधायी कार्य विभाग तथा आयुष विभाग के प्रमुख सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2021 को होगी।
सेवानिवृत्ति आयु निर्धारण में भेदभाव करना अनुचित : याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और रोहित जैन ने दलील दी कि एलोपेथी और आयुष (यूनानी, होम्योपेथी एवं आयुर्वेदिक) दोनों तरह के डॉक्टर्स का मूल काम इलाज करना है। ऐसे में सेवानिवृत्ति आयु निर्धारण में भेदभाव करना अनुचित है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसे एक मामले में कहा है कि आयुष डॉक्टर्स भी 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति के हकदार हैं। इसी तरह मप्र हाईकोर्ट की बेंच ने भी शशिबाला चौहान विरुद्ध मप्र शासन के प्रकरण में नर्स की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष निर्धारित की है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा प्रथमदृष्टया हमारा मत है कि आयुष डॉक्टर्स भी 65 वर्ष तक सेवा करने के अधिकारी हैं।