जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पिछले दिनों मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर में धारा-50 लागू करने के निर्देश दिए थे। यह आदेश चुनौती बन गया है। इसे लेकर विवि प्रशासन की बेचैनी बढ़ी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि दो माह की समय-सीमा शीघ्र समाप्त हो जाएगी। ऐसे में निर्देश का पालन न होने पर अवमानना की कार्रवाई हो सकती है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर में आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में धारा 50 लागू करने अभ्यावेदन पर दो महीने में निर्णय लिया जाए। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस सत्येन्द्र कुमार सिंह की डिवीजन बैंच ने इस निर्देश के साथ रिव्यू पिटीशन का निराकरण कर दिया था।
बिना अनुमोदन के हो रहा भुगतान : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन भारत विकास परिषद के अध्यक्ष आलोक मिश्रा की ओर से दायर रिव्यू पिटीशन में कहा गया है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर का वर्ष 2021-2022 का बजट आज तक प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसके बाद भी विश्वविद्यालय में लाखों रुपये के भुगतान बिना बजटीय अनुमोदन के किए जा रहे हैं। जिसके कारण मेडिकल यूनिवर्सिटी में करोड़ों का लेन देन विधि विरुद्ध तरीके से बिना बजट की किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ब्रजेश दुबे ने तर्क दिया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिनियम की धारा 26(3) में स्पष्ट प्रावधान है कि विश्वविद्यालय की वित्त समिति द्वारा वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व वित्तीय प्राक्कलन अर्थात वार्षिक बजट कार्य परिषद के समक्ष अनुमोदन हेतु रखा जाएगा। परंतु ना तो तत्कालीन कुलपति और ना ही वर्तमान कुल सचिव द्वारा आज दिनांक तक बजट पारित कराया गया है। इस विषय में याचिकाकर्ता के द्वारा शासन को विश्वविद्यालय में धारा 50 क का उपयोग कर वित्तीय आपातकाल लगाने हेतु अभ्यावेदन किया था परंतु राज्य सरकार द्वारा उसका निराकरण आज तक नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया की मेडिकल यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद के सदस्य डॉ राजेश धीरावाणी द्वारा भी पत्र लिखकर राज्य सरकार को बजट कार्य परिषद में प्रस्तुत ना किए जाने के गंभीर विषय से अवगत कराया था परंतु इस पर भी राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। उच्च न्यायालय ने तर्कों पर विचार करते हुए राज्य सरकार को याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण दो माह के समय अवधि में करने हेतु निर्देश जारी किया।