Jabalpur News : नई दुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र स्थित रेलवे मिलेनियम कालोनी में दोहरे हत्याकांड का मुख्य आराेपित सेंट्रल जेल में बंद मुकुल सिंह सलाखों से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा है। बंदी मुकुल बातचीत में प्रहरियों से जेल से बाहर निकलने का तरीका पूछता है। कुछ बंदियों के साथ बातचीत में उसने जेल से भागने के बारे में भी बातचीत की। वह कोई गुप्त रास्ता जानना चाहता है जिससे कि वह बाहर निकल जाएं।
जेल अधिकारियों का कहना है कि दो हत्या करके जेल पहुंचने के बाद भी उसके चेहरे पर कोई सिकन नहीं है। उसे देखकर लगता नहीं है कि उसे अपने किए पर कोई ग्लानि है। बार-बार जेल से बाहर निकलने का रास्ता पूछने की जानकारी मिलने पर बंदी की 24 घंटे की निगरानी आरंभ कर दी गई है। जेल प्रहरी और अन्य बंदियों को मुकुल पर दृष्टि रखने के लिए कहा गया है।
जेल बंद मुकुल ने 15 मार्च, 2024 को जबलपुर रेल मंडल कार्यालय के अधीक्षक राजकुमार विश्वकर्मा 52 वर्ष और उसके आठ वर्षीय बेटे तनिष्क की उनके रेलवे क्वार्टर में ही घुसकर धारदार वस्तु से सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी थी। राजकुमार के शव को किचिन में पालिथिन में बंद कर दिया था। तनिष्क की हत्या करके उसके शव को फ्रिज के अंदर रख दिया था। मृतक राजकुमार की 14 वर्षीय बेटी का आरोपित मुकुल कथित प्रेमी बताया जाता है। उसके और नाबालिग के बीच में राजकुमार के बाधा बनने के कारण ही दोनों ने मिलकर उन्हें रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी।
दोहरे हत्याकांड के बाद मृतक की नाबालिग बेटी ने ही अपने स्वजन को मोबाइल से संदेश भेजकर वारदात की जानकारी दी थी। बताया था कि मुकुल ने आकर पापा और भैया को मार दिया है। दोनों की हत्या करने के बाद आरोपित काफी देकर तक घटनास्थल पर ही रूके थे। दोनों ने रेलवे क्वार्टर में ही मैगी पकाकर खाया भी था। वारदात को अंजाम देकर दोनों बेहद आसान तरीके से फरार हो गए थे। मुख्य आरोपित मुकुल इतना शातिर है कि उसने फरारी के दौरान लगभग 75 दिनों तक पुलिस को छकाया। उसके बाद नाबालिग को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया। नाबालिग के पकड़े जाने के बाद उसका कथित प्रेमी और मुख्य आरोपित मुकुल भी जबलपुर पहुंचा। 30 मई को सिविल लाइंस थाना में उपस्थित होकर आत्मसमर्पण किया।
सेंट्रल जेल के अधिकारियों के अनुसार बंदी मुकुल की प्रत्येक गतिविधि को गंभीरता के साथ देखा जा रहा है। उससे जेल प्रहरी कुछ भी पूछते है तो वह सीधे अपने मतलब की बात पर आ जाता है। वह दिन भर सब यहीं सोचता है कि जेल से बाहर कैसे निकला जाए। उसने कुछ बंदियों के साथ बातचीत में जेल भागने के बारे में भी बातचीत की है। प्रहरियों से बातचीत करता है तब भी उनसे यहीं पूछता है कि बाहर निकलने के लिए क्या करना होगा। वह जमानत के रास्ते भी पूछता है। कुछ बंदियों से मुकुल ने यह भी कहा कि वह उसकी जमानत की व्यवस्था करा दें वह बाहर निकलकर उनका हिसाब कर देगा। उसके बारे में मिल रही जानकारियों को लेकर जेल प्रशासन सतर्क है।
मुकुल सिंह ने जिस कालोनी में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया उसके स्वजन भी वहीं पर रहते है। मृतक और जेल बंदी मुकुल के रेलवे क्वार्टर आसपास ही स्थित है। मुकुल के पिता आरपी सिंह भी जबलपुर रेल मंडल के संरक्षा विभाग में अधीक्षक के पद पर कार्यरत है। पूर्व में भी मुकुल वर्ष 2023 में उसकी कथित नाबालिग प्रेमिका के साथ छेड़छाड़ और उसके अपहरण के आरोपित में जेल की हवा खा चुका है। तब 15 दिन में ही मुकुल के पिता आरपी सिंह ने उसकी जमानत करा लिया था। मुकुल को अभी भी आशा है कि उसके पिता मामला ठंडा हाेते ही उसकी जमानत करा लेंगे। हालांकि जेल में बंद मुकुल से गत एक सप्ताह में उसका कोई भी स्वजन या मित्र, मुलाकात करने के लिए नहीं आया है।