Jabalpur News : नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर रेल मंडल के विक्रमपुर-गोटेगांव रेलवे स्टेशन के पास अयोध्या जा रही आस्था स्पेशल ट्रेन से ट्राली टकराने की घटना पर रेलवे मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लिया है। उन्होंने जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग, आपरेटिंग, सिग्नल और आरपीएफ अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में सवाल किए गए हैं कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई। चारों विभागों के प्रमुख से जिम्मेदार लोगों की जानकारी व कार्रवाई का विवरण देने के मजिस्ट्रेट ने निर्देश दिए हैं।
मजिस्ट्रेट के नोटिस से जबलपुर रेल मंडल के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। विदित हो कि यह पहला अवसर है जब रेल दुर्घटना के मामले में मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लिया है। दरअसल जबलपुर रेल मंडल में लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं और संरक्षा पर की जा रही लापरवाही ने यात्रियों से लेकर रेल कर्मचारियों की जान भी खतरे में डाल दी है। दुर्घटना के बाद रेल अधिकारियों द्वारा की जा रही जांच में भी जिम्मेदार को बचाने का प्रयास हो रहा है। वहीं दूसरी ओर रेल मजिस्ट्रेट के नोटिस के बाद जबलपुर रेल मंडल के जिम्मेदारी अधिकारी अब जवाब देने में जुटे हैं। उन्हें घटना से जुड़े सक्ष्यों में साफ लापरवाही नजर आ रही है। यही वजह है कि जवाब देने में देरी हो रही है।
जबलपुर से अयोध्या जा रही आस्था स्पेशल ट्रेन में एक हजार से ज्यादा यात्री थी। ट्रेन जबलपुर से विक्रमपुर की ओर जा रही थी वहीं इधर रेल इंजीनियरिंग विभाग के एसएसटी और ट्रालीमेन, टाली पर सवार होकर जा रही थे, लेकिन उन्होंने ट्रैक पर टाली रखने के बाद भी ब्लाक नहीं लिया। जबकि ट्राली में दो रेल कर्मचारी के अलावा कई मजदूर भी थी। अचानक टाली से बैग गिरने के बाद मजदूर की नजर तेजी से उनकी ओर पीछे से आ रही आस्था ट्रेन पर पड़ी। आनन-फानन में उन्होंने टाली छोड़ी और भाग, इस बीच ट्रेन का इंजन, ट्राली से टकरा गया, हालांकि ट्रेन ड्राइवर की सर्तकता से दुर्घटना के दौरान ट्रेन पटरी से नहीं उतरी, लेकिन इंजन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इधर मौके से अधिकारी-कर्मचारी भाग निकले। हालांकि इस मामले में इंजीनियरिंग विभाग के दो डीईएन की भी लापरवाही सामने आइ है।
इस घटना को रेलवे बोर्ड ने भी संज्ञान लिया, बावजूद इसके पश्चिम मध्य रेलवे और जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े जिम्मेदारी अधिकारी इस घटना से जुड़े तथ्यों को छिपाने में जुटे हैं। सूत्रों की माने तो इस घटना को 10 दिन से ज्यादा का वक्त हो गया, लेकिन पमरे के जेड ग्रेड स्तर के अधिकारियों द्वारा की जा रही इसकी जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आइ है। प्रारंभिक चरण में मंडल ने सुपरवाइजर स्तर की जांच की, जिसमें एसएससी और ट्रालीमेन को निलंबित कर दिया, लेकिन अब तब जबलपुर-नरसिंहपुर ट्रैक प्रभारी डीईएन की लापरवाही सामने आने के बाद उन्हें बचाने के लिए रिपोर्ट में देरी की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि उनके कार्यकाल में दुर्घटना होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी यहां के ट्रैक पर कई दुर्घटनाएं हुईं, पर हटाना तो दूर, हर बार बचा लिया गया।
नरसिंहपुर यार्ड में किलोमीटर 905 में मेन लाइन पर ट्रेन का बेपटरी हो गई। इधर करेली स्टेशन के पास बरसात में रेवा ब्रिज के धसकने से श्रीधाम- करकबेल सेक्शन में रेल कर्मी में ट्रेन की चपेट में आ गया। सूत्रों की माने तो इस मामले में तत्कालीन सहायक मंडल अभियंता नरसिंहपुर पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें पदोन्नति दे दी गई। इधर अयोध्या स्पेशल ट्रेन से ट्रॉली टकराने की घटना ने रेलवे बोर्ड को भी मंडल की दुर्घटनाओं के बारे में चिंतित कर दिया है। वहीं इस पूरे मामले में सामने आया है कि इस मामले में यहां तैनात कर्मचारियों को ड्यूटी नहीं दी गई। वहीं टोली चलवाने का सक्षमता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, वो भी जारी नहीं किया गया।