जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर दीपावली और क्रिसमस पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। मं[च के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और नयागांव, जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में इस साल दीपावली, क्रिसमस और नव वर्ष समारोह में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री, संग्रहण और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए।
प्रदेश के अन्य शहरों में केवल दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जाए। प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों पर उनसे पैनाल्टी वसूल की जाए। जिला दंडाधिकारियों को निर्देश का पालन करने का आदेश दिया जाए। अधिवक्ता प्रभात यादव ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने 15 सितंबर को आदेश जारी कर दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मेडिक्लेम की राशि का भुगतान करें, जिला उपभोक्ता आयोग का निर्णय : जिला उपभोक्ता आयोग ने मेडिक्लेम देने से इनकार करने को सेवा में कमी माना है। आयोग ने कहा है कि यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी परिवादी को दो महीने में 1.29 लाख रुपये के मेडिक्लेम का भुगतान करें। आयोग ने परिवादी को मानसिक क्लेश और वाद व्यय के लिए 20 हजार रुपये देने के लिए कहा है।
जबलपुर निवासी अंबिका सेन की ओर से परिवाद में कहा गया कि उसने यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी से 3 लाख रुपए की मेडिक्लेम पॉलिसी ली थी। 13 जून 2018 को वह गंभीर रूप से बीमार हो गया। उसका महाकोशल अस्पताल में 28 जून तक इलाज चला। अस्पताल में उसके इलाज का बिल 1.29 लाख रुपये बना। इंश्योरेंस कंपनी ने कहा कि उसे अलकोहल के नियमित सेवन और फिर अलकोहल बंद करने के कारण बीमारी हुई थी। इसलिए उसे मेडिक्लेम का भुगतान नहीं किया जाएगा। इससे उसे अस्पताल के बिल का भुगतान करना पड़ा। सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने कंपनी को मेडिक्लेम का भुगतान करने का आदेश दिया है।