जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिये महज एक दिन में सुबह से शाम तक 40 हजार से अधिक मामले परस्पर सहमति से निराकृत कर दिए गए। इसके जरिये दो अरब से अधिक का मुआवजा वितरित हुआ। साथ ही समझाइश का असर यह हुआ कि कई परिवार टूटने से बच गए। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव धरमिंदर सिंह राठौड़ ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख 86 हजार मामले समझौते से निराकरण के लिए निर्धारित किए गए थे। इनमें से प्री-लिटिगेशन यानी मुकदमा पूर्व के मामलों की संख्या दो लाख थी, जिनमें से 22 हजार मामले शनिवार की राष्ट्रीय लोक अदालत में निराकृत हो गए। इसके जरिये 20 करोड़ 32 लाख 47 हजार 57 रुपये का मुआवजा वितरित हुआ। जबकि लंबित प्रकरण यानी न्यायालयों द्वारा रेफर प्रकरणों की संख्या एक लाख 86 हजार थी, जिनमें से 18 हजार 998 मामले मौके पर निराकृत करके दो अरब 31 करोड़, 17 लाख 29 हजार 685 रुपये का मुआवजा वितरित किया गया।
मुख्य न्यायाधीश ने किया शुभारंभ : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ। इसका शुभारंभ मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर के प्रशासनिक न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने हाई कोर्ट व जिला अदालत परिसर में मुआयना किया। इस दौरान मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जबलपुर के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के अध्यक्ष प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार सक्सेना मौजूद रहे।