जबलपुर। नईदुनिया रिपोर्टर
1767 में अंग्रेजों ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग की स्थापना की थी। उसके बाद 1788 में भारत का पहला नक्शा बनाया गया। इतना ही नहीं, थ्रीडी नक्शे का निर्माण समुद्र के लेवल से ज्वार-भाटा के आने-जाने से ऊंचाई नापकर बनाए जाते हैं। नक्शे राजनैतिक, प्राकतिक, भौगोलिक व टोपोग्राफिकल प्रकार के होते हैं। यह सारी महत्वपूर्ण जानकारियां लोगों को मिली भारतीय सर्वेक्षण विभाग के कार्यालय में। जहां राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर हर वर्ष की तरह वार्षिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन एमआई मलिक, अपर महासर्वेक्षक व यूनियन बैंक से प्रज्ञा सिंह की मौजूदगी में किया गया। आयोजन को सफल बनाने में एमपी सेल प्रभारी बीपी सक्सेना, रमेश वरमाठे व अन्य सदस्यों का सहयोग रहा।
ये रहा खास-
प्रदर्शनी में तरह-तरह के नक्शों के साथ हवाई जहाज से लिए गए चित्रों को थ्रीडी इफेक्ट के जरिए दिखाया गया।
- साथ ही 1871-1872 में हाथ से बनाए गए नक्शों का प्रदर्शन भी विशेष रहा। जिसने सभी को आकर्षित किया। स्कूल-कॉलेज स्टूडेंट्स ने प्रदर्शनी के दौरान जाना कि कि कैसे कंटूर लाइन(समान ऊंचाई को बताने वाली लाइन) की सहायता से नक्शे में ऊंचाई का पता लगाया जा सकता है।
- इसके साथ ही लड़ाई के समय नक्शे को कैसे पढ़ते हैं यह भी चित्रों से दर्शाया गया।
- सर्वेक्षण विभाग द्वारा बनाए गए एटलस, मेप रीडिंग से संबंधित किताबों का भी प्रदर्शन किया गया। जिन्हें विभाग के एमपी सेल से खरीदा जा सकता है।
- प्रदर्शनी में रखे गाइड मैप से किसी शहर को कैसे जान सकते हैं समझाया गया। अब यह मैप विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।
- इनके साथ ही टोटल स्टेशन, जीपीएस रिसीवर जैसे उपकरणों का प्रदर्शन भी किया गया।