नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। नीट पीजी के परीक्षार्थियों के लिए एक नई चिंता का विषय सामने आया है। हाल ही में राष्ट्रीय बोर्ड परीक्षा ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, मैसेजिंग ऐप और यहां तक कि ई-मेल के जरिए फैलाई जा रही कई सूचनाएं पूरी तरह फर्जी हैं। बोर्ड ने कहा है कि परीक्षार्थियों को किसी भी नोटिस या सूचना पर भरोसा करने से पहले उसे केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही सत्यापित करें, क्योंकि यह देखा गया है कि फर्जी नोटिसों के जरिए परीक्षार्थियों को भ्रमित करने और अफवाह फैलाने का सिलसिला तेज हो गया है।
राष्ट्रीय बोर्ड परीक्षा के मुताबिक, कुछ शरारती तत्व नीट-2025 परीक्षा की तारीख में बदलाव, परीक्षा स्थगन या प्रश्नपत्र लीक जैसी झूठी सूचनाएं प्रसारित कर रहे हैं। इन फर्जी संदेशों में अक्सर आधिकारिक लेटरहेड और डिजाइन की नकल की जाती है, ताकि उम्मीदवारों को यह असली लगे। कई बार इन संदेशों में लिंक भी दिए जाते हैं, जो देखने में आधिकारिक वेबसाइट जैसे लगते हैं लेकिन वास्तव में फर्जी डोमेन होते हैं।
इस तरह के लिंक पर क्लिक करने से उम्मीदवारों की व्यक्तिगत जानकारी, पंजीकरण विवरण और यहां तक कि वित्तीय डेटा भी खतरे में पड़ सकता है। बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि नीट पीजी से संबंधित किसी भी आधिकारिक अपडेट के लिए केवल अधिकृत वेबसाइट को ही देखा जाए। किसी अन्य प्लेटफॉर्म या निजी चैनल पर जारी सूचना को बिना पुष्टि के मानना उम्मीदवारों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
हाल में सामने आए कुछ मामलों में उम्मीदवारों को मैसेज और ई-मेल के जरिए परीक्षा तिथि टलने की सूचना दी गई थी, जबकि बोर्ड की ओर से ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया था। यह अफवाहें इंटरनेट मीडिया पर तेजी से फैलीं और कई परीक्षार्थी अनावश्यक रूप से तनाव में आ गए थे।
इस फर्जी सूचना अभियान का एक और खतरनाक पहलू यह है कि कुछ संदेशों में ‘प्रश्नपत्र लीक’ के नाम पर रकम मांगी जाती है. इसमें कहा जाता है कि यदि उम्मीदवार एक निश्चित राशि का भुगतान करें, तो उन्हें परीक्षा से पहले पेपर मिल जाएगा। बोर्ड ने इस तरह की धोखाधड़ी को गंभीर आपराधिक अपराध बताया है और चेतावनी दी है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने पर तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल युग में परीक्षाओं से जुड़ी फर्जी खबरें फैलाना आसान हो गया है, क्योंकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल हर उम्र के लोग करते हैं और यह सूचनाएं कुछ ही मिनटों में हजारों लोगों तक पहुंच जाती हैं. खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान, जहां लाखों उम्मीदवार अपनी तैयारी में जुटे होते हैं, इस तरह की अफवाहें उनके मनोबल और एकाग्रता पर सीधा असर डालती हैं।
गौरतलब है कि नीट पीजी-2025 देशभर के मेडिकल स्नातकों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा है, जिसके जरिए उन्हें पीजी कोर्सेस में दाखिला मिलता है। लाखों उम्मीदवार हर साल इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं, और ऐसे में किसी भी तरह की गलत सूचना न केवल उनकी तैयारी को प्रभावित करती है, बल्कि बड़े स्तर पर अव्यवस्था भी पैदा कर सकती है।
सूत्रों का कहना है कि इस तरह के फर्जी नोटिसों के पीछे दो प्रमुख मकसद होते हैं। पहला, उम्मीदवारों को भ्रमित करना और दूसरा, साइबर धोखाधड़ी के जरिए आर्थिक लाभ उठाना। कई मामलों में इन संदेशों में मौजूद लिंक मालवेयर से संक्रमित होते हैं, जो क्लिक करते ही यूज़र के डिवाइस से डेटा चुरा लेते हैं। इसलिए सतर्क रहना और डिजिटल हाइजीन का पालन करना अत्यंत जरूरी है।