जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नगर निगम कर्मचारी परिषद के महासचिव अमित मेहरा व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि नगर निगम और नगर पालिकाओं में होने वाली सीधी भर्ती में निगम कर्मचारियों को 25 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए। मांग की गई कि निगम में कार्यरत नियमित, विनियमित और दैनिक वेतन भोगियों के लिए 25 पद आरक्षित कर उन्हें प्रमोशन दिया जाए। न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त नगरीय प्रशासन, संभागायुक्त और नगर निगम आयुक्त जबलपुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया कि पूर्व में भी कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस तरह विधिक सेमीनार आयोजित होंगे।
एमपी स्टेट बार कौंसिल की सामान्य सभा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए : इसी कड़ी में तय किया गया कि देश-प्रदेश के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अधिवक्ता रत्न की उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। साथ ही विधिक सेमीनार भी आयोजित किए जाएंगे। कार्यकारी सचिव गीता शुक्ला ने बताया कि सामान्य सभा का वर्चुअल आयोजन हुआ। इसमें चेयरमैन डा. विजय कुमार चौधरी, वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी, सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त, विवेक सिंह, मनीष तिवारी, सुनील गुप्ता, शिवेंद्र उपाध्याय, जगन्नाथ त्रिपाठी, राजेश व्यास, दिनेश नारायण पाठक, राजेश पांडे, जितेंद्र कुमार शर्मा व राजेश कुमार शुक्ला शामिल हुए। कुछ सदस्यों ने फिजिकल रूप से भाग लिया। विभिन्न निर्णयों में एमपी बार काउंसिल टाइम्स का प्रकाशन करने का भी निर्णय लिया गया। दिवंगत अधिवक्ताओं के परिवार के सदस्यों को अविलंब मृत्युदावा राशि प्रदान करने के 12 दिसंबर के प्रस्ताव का पुष्टीकरण किया गया। दो वर्ष के लिए प्राविधिक रूप से नामांकित होने वाले अधिवक्ताओं को परिचय पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया। कोरोना काल में अधिवक्ता कल्याण निधि ट्रस्ट से ढाई करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ पांच करोड़ की अतिरिक्त राशि की सरकार से मांग करने का निर्णय हुआ। अधिवक्ता पेंशन योजना शीघ्र ही तैयार कर मुख्यमंत्री को अनुरोध पत्र भेजने पर सहमति बनी। इसके अलावा प्रशांत दुबे को पूर्ववत सचिव व गीता शुक्ला को सहायक सचिव नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।