नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। अपर सत्र न्यायाधीश इरशाद अहमद की अदालत ने हत्या के आरोपित जबलपुर निवासी धर्मेंद्र राठौर, मनीष तिवारी, अजीत तिवारी व भागवती बाई का दोष सिद्ध पाया और चारों को उम्रकैद की सजा सुना दी। साथ ही 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। विशेष बात यह रही कि यह फैसला हाई कोर्ट के आदेश के पालन में महज 15 दिन के भीतर सुना दिया गया।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल व न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने अभियुक्त कथन में त्रुटि पाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नंदेश्वर के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दे दिए थे। इसके साथ ही 30 दिन के भीतर अभियुक्त परीक्षण लेखबद्ध कर नए सिरे से निर्णय लेने के निर्देश दे दिए थे। प्रभारी लोक अभियोजक अनिल तिवारी ने अभियोजन की ओर से पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि गढ़ा पुलिस ने 28 अप्रैल, 2014 को पिंटू उर्फ सुधीर जैन की हत्या के मामले में धर्मेंद्र राठौर, मनीष तिवारी, अजीत तिवारी व भागवती बाई के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया था। मृतक पिंटू का शव लक्ष्मीनारायण मंदिर, रमनगरा की झाड़ियों में मिला था।
आरोपितों ने धारदार हथियार से हत्या के बाद जुर्म छिपाने की मंशा से शव को पेट्रोल डालकर जला दिया था। हत्या की वजह रंजिश थी। आरोपितों ने ट्रायल प्रक्रिया में गुमराह करने के लिए मनमाने कथन दर्ज कराए थे। यही बात रेखांकित होने पर हाई कोर्ट ने सख्ती बरती थी।
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