जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने मंगलवार को हेलो नईदुनिया कार्यक्रम के दौरान पाठकों के सवालों पर बेबाकी से जवाब दिए। विश्वविद्यालय के आगामी योजनाओं, पाठ्यक्रम, अधोसंरचना और रोजगार से जुड़े हर सवाल पर उन्होंने पाठकों को विस्तार से जानकारी दी। महर्षि रजनीश ओशो की जन्म जयंती पर विश्वविद्यालय में विशेष प्रयास को लेकर सवाल आया। जिसके जवाब में कुलपति ने कहा कि महर्षि ओशो के लिए विश्वविद्यालय में ओशो चेयर स्थापित होनी थी। इसके लिए जल्द ओशो पीठ की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा भी कई मुद्दों पर कुलपति ने सवालों के जवाब दिए।

सवाल- कृषि विश्वविद्यालय होने के बावजूद कृषि संकाय खोला गया, जिसकी भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र से मान्यता नहीं मिली है तो डिग्री की वैधता रहेगी क्या?

जवाब-भारत कृषि प्रधान देश है और यहां करीब 70 के आसपास कृषि विश्वविद्यालय हैं। जिस देश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर आश्रित है ऐसे देश में हर शिक्षण संस्थान में कृषि आधारित पढ़ाई कराई जानी चाहिए। नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा मंत्री ने डा. मोहन यादव ने अग्रणी भूमिका अदा करते हुए रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय और उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में कृषि की पढ़ाई की अनुमति दी है। कृषि शिक्षा को लेकर विश्वविद्यालय समन्वय समिति में भी मुद्दा उठा था। वहां भी हमने यही कहा कि अभी शुरुआत है धीरे-धीरे हर प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। युगधर्म की मांग है कि समय के साथ संसाधन बढ़ें। हम सिर्फ कृषि ही नहीं मेडिकल और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम भी जल्द प्रारंभ करने की योजना बना रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि जबलपुर के विद्यार्थी अन्य शहरों की तरफ पलायन न करें।

अमित शुक्ला, महाराजपुर

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सवाल- दीक्षा समारोह को आकर्षक बनाने के लिए इसमें क्या रचनात्मक प्रयास हो रहे हैं?

जवाब- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का दीक्षा समारोह पिछले कई सालों से रचनात्मक प्रयासों के लिए अलग पहचान रखता है। विश्वविद्यालय के इतिहास में दीक्षा की परम्परागत गाउन का त्याग कर भारतीय वेषभूषा में कार्यक्रम आयोजित कर अन्य विश्वविद्यालयों के लिए नजीर पेश की है। दीक्षा समारोह का एक निर्धारित प्रोटोकाल होता है इसके बावजूद हम रचनात्मक प्रयास करते हुए विश्वविद्यालय कर्मचारियों और विद्यार्थियों के गांव-शहर से जुड़े सामाजिक कार्यों को चित्र प्रदर्शनी कर सकते हैं इसके अलावा अन्य सुझाव भी इस संबंध में मांगकर नए प्रयास किए जाएंगे।

-आदित्य तिवारी मप्र हाउसिंग बोर्ड कालोनी

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सवाल- पीएचडी की प्रवेश परीक्षा कब आयोजित होगी ?

जवाब- पीएचडी से जुड़े पाठ्यक्रमों में कोर्स वर्क चल रहा है जल्द वो संपन्ना होगा जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन रिक्त सीटों पर विज्ञापन जारी कर प्रवेश देगा। हम इस संबंध में जल्द प्रक्रिया को पूरा करेंगे। ज्यादा से ज्यादा सीटों पर शोधार्थियों के आवेदन आमंत्रित करने का प्रयास होगा।

तनिष्क पांडे, गोरखपुर

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सवाल-विश्वविद्यालय में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम को लेकर क्या योजना है ?

जवाब- विश्वविद्यालय उत्कृष्ट शिक्षा, समय पर परीक्षा और समय पर परिणाम के संकल्प को लेकर कार्य कर रहा है। हम लगातार रोजगार से जुड़े पाठ्यक्रमों को खोल रहे हैं। स्वरोजगार पैदा करने वाले नए पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति में शुरू हुए हैं। विश्वविद्यालय ने 2015-16 से रोजगार देने के लिए प्लेसमेंट मेला लगवाना प्रारंभ किया है। प्रारंभ में विद्यार्थियों की अंग्रेजी कमजोर होने से उन्हें कंपनियां लेने से कतराती थीं, लेकिन इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने नवाचार किया। बच्चों में अंग्रेजी सुधार के लिए एक सेमेस्टर में अनिवार्य विषय रखा। एक सेमेस्टर में कम्प्यूटर, फिर स्किल डेवलपमेंट जैसे विषयों को शामिल किया गया।

रवीश कुमार, सुहागी

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सवाल-विश्वविद्यालय के शिक्षण विभागों में सीट बढ़ाने की क्या योजना है ?

जवाब-रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय विभागों में लगातार सीट बढ़ा रहा है ताकि अधिक विद्यार्थी प्रवेश ले सके। पिछले कुछ सालों से विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने के प्रति रुझान बढ़ा है। हम जल्द वोकेशनल सेंटर का हब बनाने पर विचार कर रहे हैं। अगले तीन साल में विद्यार्थियों की संख्या दस हजार के आसपास पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

डा.प्रकाश मिश्र, प्रियदर्शनी कालोनी

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सवाल- विश्वविद्यालय में नए-नए भवन बन रहे हैं, लेकिन टेबिल-कुर्सी और अन्य संसाधन नहीं हैं।

जवाब- विश्वविद्यालय में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। हम पुरानी इमारतों का जीर्णोद्धार करवा रहे हैं। कोरोना काल की वजह से कई काम प्रभावित हुए, जिन्हें तेजी से पूरा किया जा रहा है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक की टीम आने वाली है इससे पहले हम सभी मूलभूत सुविधा जुटा लेंगे। कक्षाओं को स्मार्ट बनाने के लिए प्रयास होगा ताकि आधुनिक शिक्षा देने का प्रयास होगा।

संजय सिंह, करमेता

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सवाल- विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी को डिजिटल क्यों नहीं किया जा रहा है ?

जवाब- विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी को डिजिटल बनाया जा रहा है यह आधुनिक युग की मांग है। इस दिशा में काम किया जा रहा है। डिजिटल करने के लिए पूरी व्यवस्था हो रही है। विश्वविद्यालय 65 साल पुराना है इसलिए पुराने काम को सुधारने में वक्त लग रहा है।

अवनीश राजपूत, मंगलायतन विश्वविद्यालय

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सवाल- विश्वविद्यालय में ओशो पीठ की स्थापना कब होगी?

जवाब- विश्वविद्यालय में ओशो चेयर होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस संबंध में हमने आज भी बैठक कर निर्णय लिया है कि विश्वविद्यालय के योग अथवा शारीरिक शिक्षण विभाग के आधीन एक ओशो पीठ की स्थापना की जाएगी। जिसमें ओशो के ध्यान,योग और विचार की पीठ बन सके।

राजेश मिश्रा, संजीवनी नगर

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सवाल- सस्ती शिक्षा को लेकर क्या प्रयास किया जा रहा है? अभिभावकों पर बेवजह आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

जवाब- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सस्ती शिक्षा को लेकर भी ध्यान में रखा गया है। हम यदि प्रतिभावान है तो शुरू से हम किसी पर बोझ नहीं रहेंगे। मैं खुद पांचवीं कक्षा से स्कालरशिप लेकर पढ़ा। वर्तमान में विभिन्ना तरह की स्कालरशिप देकर प्रतिभाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रतिभावान को किसी जाति धर्म की वजह से लाभ लेने से वंचित नहीं रखा जा सकता है।

दुर्गेश पटैल, मदन महल

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