नईदुनिया, जबलपुर(Jabalpur News)। मुख्य रेलवे स्टेशन में शनिवार की दोपहर अवैध वेंडरों की धरपकड़ से उनमें अफरा-तफरी का आलम था। इस दौरान दो यात्री ट्रेनों में जांच दल ने दबिश देकर 13 अवैध वेंडर को पकड़ा और नियमानुसार कार्रवाई के बाद आरपीएफ को सौंप दिया।
जबलपुर स्टेशन के पूछताछ सेंटर में यात्रियों को ट्रेन आने की सही जानकारी न मिलने से उनकी परेशानी हैं। रविवार को मुनाफ्फरपुर से जबलपुर होकर पुणे जाने वाली ट्रेन के यात्री जबलपुर स्टेशन पर परेशान होकर घूमते रहे।
इस संबंध में जबलपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम डा मधुर वर्मा ने बताया कि इन्हें लेकर लगातार शिकायतें आ रही थी, जिसके बाद अब सख्ती शुरू की गई। सीटीआई प्रदीप सिंह के नेतृत्व में प्लेटफार्म नंबर-5 पर खड़ी मुंबई-हावड़ा मेल व प्लेटफार्म नंबर-2 पर खड़ी पुणे-पटना यात्री ट्रेन में एकसाथ दबिश देकर 13 अवैध वेंडरों को पकड़ने में सफलता मिली, इस दौरान 20 अन्य भागने में सफल रहे।
ये सभी ट्रेन में आलूबंडा, समोसा व अन्य खाद्य सामग्री अवैध रूप से यात्रियों के बीच बेच रहे थे। विशेष टिकट जांच दल की इस कार्रवाई से अवैध रूप से प्लेटफार्म व ट्रेनों में खाद्य सामग्री बेचने वालों में हड़कंप है।
पकड़े गए अवैध वेंडरों को पहले प्लेटफार्म-1 में लाया गया और आवश्यक कागजी कार्रवाई के उपरांत अगली कार्रवाई हेतु आरपीएफ को सौंप दिया गया। जांच दल के इस अभियान में एके रावत, मो मोईनुद्दीन, भगवान सिंह व अनिल वानखेड़े शामिल थे।
जबलपुर स्टेशन में ट्रेन 05289 को सुबह करीब 10.45 पर जबलपुर आना था, लेकिन यह ट्रेन शाम पौने छह बजे जबलपुर पहुंची। इस ट्रेन से बड़ी संख्या में लोगों को पुणे जाना था। ट्रेन की सही जानकारी न पता होने के कारण वे सुबह साढ़े दस बजे ही जबलपुर स्टेशन पहुंच गए। यहां पर पूछताछ केंद्र में बैठे कर्मचारियों ने ट्रेन की जानकारी ली। वे बार-बार ट्रेन को एक से दो घंटे देरी से बताते रहे, लेकिन ट्रेन करीब साढ़े छह घंटे देरी से जबलपुर पहुंची।
जबलपुर से पुणे जा रही यात्री पायल मस्के ने बताया कि उन्हें पूछताछ केंद्र में ट्रेन की सही जानकारी नहीं दे रहे । बार-बार पूछने पर ट्रेन एक से दो घंटे देरी से बता रहे, लेकिन मैं सुबह से शाम तक स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करती रही। ट्रेन करीब शाम 5.45 पर जबलपुर आई, जबकि इसके आने का समय पौने ग्यारह है।
अन्य यात्रियों का कहना था कि रेलवे ने कई सामान्य ट्रेनों को रद कर दिया है या फिर देरी से चला रहे हैं। वहीं राहत देने के लिए जिन स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया है, वे भी करीब 10 से 13 घंटे तक देरी से चल रही हैं। ऐसे में यात्रियों का सफर आरामदायक नहीं बल्कि मुश्किल भरा हो गया है। रेलवे ने त्यौहार पर यात्रियों को राहत नहीं दी, बल्कि उनकी मुश्किलें बढ़ दी है।