pitru paksha 2021: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। पितृ पक्ष के लिए सोमवार को नर्मदा तटों पर लोगों ने पूर्वजों का आह्वान किया। जल के अंदर खड़े होकर पुरोहितों ने पूरी प्रक्रिया कराई। मंगलवार से पितृपक्ष के प्रथम दिन लोग पूर्वजों को जल अर्पण करेंगे। यह प्रक्रिया पूरे पक्ष में की जाएगी। शहर के नर्मदा तट ग्वारीघाट से लेकर तिलवारा और भेड़ाघाट में भी इसी तरह लोग पूर्वजों का आव्हान करते देखे गए।
पितृ लोक लोक से देते हैं आशीर्वाद : पितृपक्ष जिनमें देवताओं ऋषियों और पितरों का तर्पण किया जाता है। यह तर्पण हमारे द्वारा दी गई जल तिल जो दूध कुशा के माध्यम से हमारे पितरों को प्राप्त होता है। साथ ही इन क्रियाओं के द्वारा ही हमारे प्रिय पितृ प्रसन्न होकर पितृलोक से अपना आशीर्वाद हमको प्रदान करते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि पितृ की कृपा से ही उत्तम सद्गति और संतान की प्राप्ति होती है ऐसा शास्त्रों में वर्णन प्राप्त होता है। इसलिए उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए इस महालय पर्व पर जो 16 दिन तक पूर्णिमा से अमावस्या तक रहेगा। इसमें अपने पूर्वजों की अलग-अलग तिथियों में जल तर्पण करना चाहिए जो भी 16 दिनों तक जल अर्पित कर सकते हैं या जो अपने पूर्वजों की तिथि में भी तर्पण अवश्य करना चाहिए। श्रद्धा भाव से किया हुआ श्राद्ध पितरों को मोक्ष प्रदान करता है।
अपनी अपनी तिथि के दिन हमारे पितृों को मृत्युलोक में भेजा जाता है। अगर उस दिन पारिवारिक जन श्रद्धा के साथ तर्पण ब्रह्मभोज गाय, कौआ, कुत्ता के लिए ग्रास निकालता है तो पूर्वज अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। जिसकी तिथि के बारे में पता ना हो उनका श्राद्ध अमावस्या को करें या पुरोहितों से मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध की तिथि की जानकारी लें। संभव हो सके तो पिंड की पूजा करें।