'यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे की राख में सक्रिय हैं रेडियो एक्टिव पदार्थ', जनहित याचिका में दावा
जनहित याचिका में कहा गया है कि भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का विनष्टीकरण सफलतापूर्वक पीथमपुर स्थित सुविधा केंद्र में कर दिया गया है। जहरीले कचरे से 850 मीट्रिक टन राख व अवशेष एकत्रित हुआ है। राख में बड़ी मात्रा में मरकरी की मात्रा है। मरकरी को नष्ट करने की तकनीक सिर्फ जापान तथा जर्मनी के पास उपलब्ध है।
Publish Date: Mon, 28 Jul 2025 08:27:07 PM (IST)
Updated Date: Mon, 28 Jul 2025 08:31:35 PM (IST)
मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट।HighLights
- जनहित याचिका दायर कर जताई गई यह चिंता।
- हाई कोर्ट ने मुख्य याचिका के साथ सुनवाई की।
- दावा-राख में बड़ी मात्रा में मरकरी की मात्रा है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष एक जनहित याचिका की सुनवाई हुई, जिसमें दावा किया गया कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे की राख में रेडियो एक्टिव पदार्थ है। यह चिंता का विषय है। कोर्ट ने जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद मुख्य जनहित याचिका के साथ सुनवाई किए जाने की व्यवस्था दे दी।
जनहित याचिकाकर्ता राजधानी भोपाल निवासी अधिवक्ता बीएल नागर व समाजसेवी साधना कार्णिक की ओर से अधिवक्ता ऋत्विक दीक्षित ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण लैंडफिल सेल प्रक्रिया से किया जाना चुनौती के योग्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि रेडियो एक्टिव पदार्थ मिश्रित राख जमीन में दबाए जाने से मिट्टी व पानी दूषित होंगे। जिनके उपयोग से मानव व पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
![naidunia_image]()
तकनीक सिर्फ जापान तथा जर्मनी के पास उपलब्ध
- जनहित याचिका में कहा गया है कि भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का विनष्टीकरण सफलतापूर्वक पीथमपुर स्थित सुविधा केंद्र में कर दिया गया है।
- जहरीले कचरे से 850 मीट्रिक टन राख व अवशेष एकत्रित हुआ है।
- राख में बड़ी मात्रा में मरकरी की मात्रा है। मरकरी को नष्ट करने की तकनीक सिर्फ जापान तथा जर्मनी के पास उपलब्ध है।
- यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में जहरीला कचरा विगत 40 सालों से पड़ा हुआ था।
- कचरे में रेडियो एक्टिव पदार्थ होने के कारण उसमें नाभिकीय विखंडन की प्रक्रिया जारी थी।
- कचरे को नष्ट कर दिया गया है परंतु उसकी राख में जहरीले तत्व मौजूद हैं।
- जिस स्थान पर जहरीले कचरे की राख का विनिष्टीकरण किया जाएगा।
- उस क्षेत्र की मिट्टी व पानी दूषित होंगे। जिसका विपरीत असर मानव समुदाय व पर्यावरण पर पडेगा।
![naidunia_image]()
सरकारी व निजी विशेषज्ञों के मत अलग-अलग
जनहित याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जहरीली राख के विनष्टीकरण करने के संबंध में सरकारी व निजी विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं। इसीलिए जनहित याचिका में राहत चाही गई है कि विशेषज्ञों की राय प्राप्त कर जहरीली राख का विनिष्टीकरण अपेक्षाकृत अधिक वैज्ञानिक तरीके से किया जाए। ऐसा इसलिए ताकि मानव समुदाय व पर्यावरण पर उसका विपरीत असर न पड़े।