जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि।
रेलवे अब अपनी जमीन भी किराए पर दे रहा है। जबलपुर रेल मंडल ने कोरोनाकाल के पहले ही इस पर काम शुरू कर दिया था। उसने जबलपुर समेत मंडल की सीमा में आने वाले कई बड़े स्टेशन के आस-पास खाली पड़ी जमीन चिन्हित की, ताकि इसे लीज पर देकर अपनी आज बढ़ा सके। इसके लिए रेलवे ने आवेदन मंगवाए, लेकिन यह आवेदन अब धूल खा रहे हैं। कइयों ने आवेदन के साथ एडवांस राशि भी रेलवे को भुगतान कर दी, लेकिन महीनों बाद भी इस पर निर्णय नहीं लिया जा सकता है कि रेलवे इसे लीज पर देगा या नहीं।
यह थी रेलवे की तैयारी:
जबलपुर रेलवे स्टेशन के सर्कुलेशन एरिया से लेकर हाउबाग स्टेशन, हाउबाग गेस्ट हाउस, मदनमहल रेलवे स्टेशन के आस-पास की जमीन का कमर्शियल उपयोग करने के लिए रेलवे ने इसे चिहिन्त किया। शहर के कई इंवेस्टर ने इसके उपयोग के लिए आवेदन मांगे। कइयों ने इसका कमर्शियल उपयोग करने एक से बढ़कर एक आइडिया दिया। इस आइडिया का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति लेने मंडल से पश्चिम मध्य रेलवे जोन को भेजा। जोन से यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड गया, लेकिन 6 माह बाद भी स्वीकृति नहीं मिली।
आरएलडीए लेगा इस पर निर्णय:
खबर है कि रेलवे अब यह काम आरएलडीए यानी रेलवे लैंड डेवलपर अथारिटी के जिम्मे सौंपेगा। रेलवे बोर्ड इस पर मंथन कर रहा है। हालांकि जमीन के साथ अब रेलवे स्टेशन को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि जबलपुर, भोपाल और कोटा रेलवे स्टेशन को निजी हाथों में देने के लिए तीन साल पहले प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन कोई इंवेस्टर न मिलने से यह काम ठंडे बस्ते में चला गया। एक बार फिर इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
इन काम को निजी कंपनी से कराने की तैयारी:
- ट्रेनों में बेडरोल सप्लाई
- रेलवे ट्रैक की सफाई
- निजी ट्रेनों का संचालन
- हबीबगंज रेलवे स्टेशन
- ट्रेनों की सफाई-धुलाई