हेमंत नामदेव
जबलपुर। शहर के कछपुरा रेल फाटक में रेलवे ने रबर की सड़क बनाई है। जी हां, भले ही इस सड़क की लंबाई चंद मीटर ही है। लेकिन पश्चिम मध्य रेल का यह अभिनव प्रयोग सफल रहा, तो आने वाले समय में सभी रेलफाटकों पर इस तरह की सड़क बनीं नजर आएगी।
मदनमहल व कछपुरा स्टेशन के बीच किमी. 985/5-6 के रेलवे समपार फाटक नं. 316 (कछपुरा रेल फाटक) पर पश्चिम मध्य रेल के इंजीनियरिंग विभाग के अमला रेलपथ अनुरक्षण कार्य किया है। यह काम 2 अगस्त की सुबह 8 बजे से शुरू हुआ और लगातार 5 अगस्त की सुबह 8 बजे तक चला। इस दौरान पमरे के इंजीनियरिंग विभाग के अमले के नेतृत्व में गैंगमेनों ने अप व डाउन रेलवे लाइन पर रबर की सड़क बनाने का काम किया है। यह काम होने के बाद क्षेत्रवासी रबर की सड़क देखने कछपुरा रेल फाटक तक पहुंच रहे हैं।
ऐसे किया काम
बताया कि रेलवे के गैंगमेनों ने सबसे पहले कछपुरा रेल फाटक की जर्जर डामर सड़क को खोदा। फिर अप व डाउन लाइन के स्लीपरों के नीचे गिट्टी की भराई की। इसके बाद समतल स्लीपरों के ऊपर 2 बाई 3 की चौड़ाई वाले रबर के करीब 6 इंच मोटे टुकड़ों को बिछाया। इस काम में अप व डाउन लाइन पर 32-32 रबर के टुकड़ों को आपस में जोड़कर बिछाया गया है। जबकि रेलवे लाइनों के बीच डामर सड़क भी बनाई गई है।
जयपुर में बनीं सड़कें
सूत्रों ने बताया कि पमरे महाप्रबंधक रमेश चन्द्रा ने कछपुरा रेल फाटक में रबर की सड़क बनाने को ज्यादा तवज्जो दी है। चूंकि उन्हें विभाग के एक अधिकारी ने बताया था कि जयपुर रेल मंडल के समपार फाटकों में रबर की सड़कें बन चुकीं हैं, जिनकी उम्र अधिक होती है।
डीआरएम ने देखा काम
बताया गया है कि गत दिवस डीआरएम अजय कुमार सिंह कछपुरा रेल फाटक पर किए जा रहे काम देखने पहुंचे। जहां पमरे के इंजीनियरों ने डीआरएम को बताया कि रबर के टुकड़े रेल पटरियों से बराबर सटे रहते हैं, जो यहां दुर्घटना होने से रोकते हैं। मौके पर जारी काम देखकर डीआरएम श्री सिंह संतुष्ट नजर आए।
रबर की विशेषता
. तेज बारिश या धूप होने पर भी सड़क में गड्ढे नहीं होंगे।
. किसी व्यक्ति के अचानक गिरने पर सिर नहीं फटेगा।
. सड़क व पटरियों के बीच खाली स्थान नहीं रहने से छोटे वाहनों के स्टैंड फंसने से होनी वाली दुर्घटनाएं थमेंगी।
यह खामियां
. रबर की गुणवत्ता कमजोर होने की दशा में सड़क जल्दी खराब होगी।
. यह काम करने वाले किसी कर्मचारी की लापरवाही से पूरी सड़क उखड़ जाने का खतरा।
. इस सड़क को आग कभी भी तहस-नहस कर सकती है।