Jabalpur News : नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। रेल के सामने कूदकर परिवार संग जान देने वाले रेलकर्मी के इस कदम के पीछे की वजह रहस्य बनी हुई है। पूछताछ में पता चला है कि रेलकर्मी नरेन्द्र चडार कुछ दिनों से तनाव में था। घटना के पहले दोपहर में उसने जब सहकर्मियों के साथ खाना खाया, तो सहकर्मियों ने उससे उदासी का कारण भी पूछा था, लेकिन वह टाल गया। मंगलवार को वह ड्यूटी पर नहीं गया, लेकिन रात में जब बेटियों ने आईस्क्रीम खाने की बात कही, तो वह उनके लिए आईस्क्रीम लेकर आया था। पुलिस ने नरेन्द्र के स्वजन, सहकर्मियों और परिचितों से बातचीत की, लेकिन उसने यह सामूहिक आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया, इसका खुलासा नहीं हो सका।
ग्राम सिहोदा निवासी नरेन्द्र चड़ार (35) रेलवे में ट्रैकमैन था। वह जबलपुर रेल मंडल के भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन में आने वाले सहजपुर रेल फाटक में पदस्थ था। बुधवार सुबह लगभग साढ़े पांच बजे वह पत्नी रीना (32), शानवी (06) और एक वर्षीय मानवी उर्फ कसक के साथ बाइक से घर से निकला। वह सीधे भिटौनी रेलवे ट्रैक के पास पहुंचा। जहां बाइक खड़ी की। चारों अप लाइन पर ट्रेन के समाने कूद गए।
उनके शव ट्रैक से दूर जा गिरे। मंगलवार सुबह सात बजे से चार बजे तक नरेन्द्र की ड्यूटी थी। लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं पहुंचा, तो सहकर्मी कवीन्द्र ने उसे फोन कर कारण जानने का प्रयास किया। लेकिन नरेन्द्र ने ड्यूटी पर न आने की बात कही और फोन काट दिया था। कवीन्द्र ने बताया कि 12 साल पहले उसकी और नरेन्द्र की नौकरी एक साथ लगी थी। नरेन्द्र काम के प्रति ईमानदार था।
वर्ष 2016 में नरेंद्र का विवाह धनवंतरि नगर निवासी रीना चढ़ार से हुई। शादी के बाद से ही दोनों में विवाद शुरू हो गए थे, इसके चलते एक साल तक रीना मायके में भी रही, लेकिन परिजनों की समझाईश के बाद वह वापस ससुराल आ गई थी। पुलिस के अनुसार नरेंद्र के पिता चोखेलाल ने भी लगभग 36 साल फंदे पर लटककर जान दी थी।
नरेन्द्र चड़ार द्वारा पत्नी और दो बेटियाें के साथ आत्महत्या के मामले में जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में स्वास्थ्य और आर्थिक परेशानी की बात सामने आई है, हालांकि इसकी पुष्टी नहीं हुई है।
सुनील नेमा, सीएसपी, बरगी