नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। रिश्वत मांगने को लेकर सीबीआई के रडार पर आया कोयला खदान का एक सेवानिवृत्त अधिकारी जांच में करोड़ों का आसामी निकला। जबलपुर स्थित कोयला खदान भविष्य निधि के कार्यालय में रविशंकर कश्यप क्षेत्रीय आयुक्त थे। उनका नाम गत वर्ष भ्रष्टाचार के एक मामले में सामने आया। उसके बाद जबलपुर सीबीआइ ने कश्यप की आय और निवेश की कुंडली खंगाली। जिसमें उसकी संपत्ति आय से लगभग चार गुना अधिक पाई गई।
मामले में गुरुवार को सीबीआइ ने आरोपित रविशंकर के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का मामला पंजीबद्ध किया है। आरंभिक जांच में आरोपित सेवानिवृत्त अधिकारी का एक और उसकी पत्नी के चार बैंक खाते मिले। पत्नी और स्वजन के नाम पर मोटी राशि निवेश अलग-अलग मद में निवेश किए जाने का पता चला है।
कटनी निवासी राज कुमार बर्मन के पिता नंदन बर्मन कुड़री कोयला खदान में कार्यरत थे। जिनकी 14 मई, 2021 को मृत्यु हो गई थी। उनकी भविष्य निधि का लगभग 50 लाख रुपये स्वजन को भुगतान होना था। इससे संबंधित प्रकरण नौराजाबाद क्षेत्रीय कार्यालय में था। भुगतान के लिए मृतक कर्मी के पुत्र ने कार्यालय के कर्मी उमाशंकर तिवारी से संपर्क किया। उसने प्रक्रिया के लिए मृतक कर्मी के पुत्र को जबलपुर स्थित कोयल खदान के भविष्य निधि क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया। तत्कालीन क्षेत्रीय आयुक्त रविशंकर से मिलवाया। पिता के पीएफ राशि की स्वीकृति के लिए ढाई लाख रुपये रिश्वत मांगी गई। बातचीत में डेढ़ लाख रुपये रिश्वत पर मामला तय हुआ। इस भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर सीबीआइ ने 24 मार्च को उमाशंकर से पूछताछ की थी। जिसमें मामले में रविशंकर की भूमिका सामने आयी थी। रविशंकर को आरोपित बनाने के बाद पुलिस उसकी संपत्तियों की जांच की।
जबलपुर सीबीआइ ने वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2024-25 तक आरोपित रविशंकर के वेतन एवं संपत्तियों की जानकारी जुटाई। छानबीन में संबंधित अवधी में आरोपित की आय एक करोड़ 37 लाख 28 हजार रुपये मिली है। इस दौरान आरोपित ने पत्नी के नाम पर नौ लाख 98 हजार 428 रुपये की बीमा पालिसी खरीदी है। उसके और पत्नी के बैंक खातों में कुल आठ लाख 38 हजार 934 रुपये जमा मिले है। जबलपुर के कमला नेहरू नगर में आवास का पता चला है। आगरा में दो भूखंड और नागपुर एवं दिल्ली में संपत्ति में निवेश के अभिलेख मिले है। उसकी संपत्ति का मूल्य का पांच करोड़ 34 लाख 86 हजार 222 रुपये आंका गया है।