
Jabalpur News: जबलपुर नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर रेल मंडल में एक के बाद एक खुलाशे हो रहे हैं। इन खुलासों ने रेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब जबलपुर रेल मंडल के एकाउंट विभाग का कारनामा सामने आया है, जिसमें एक रिटायर रेल कर्मचारी को दो पेंशन दे दी, वो भी 12 साल तक। इसकी जानकारी कर्मचारी की मौत के बाद विभाग को लगी। मामला सामने आते ही जबलपुर रेल मंडल ने एकाउंट विभाग के दो कर्मचारी को इसमें दोषी पाया। हालांकि मामला पांच माह पुराना है, लेकिन इसे रेलवे के एकाउंट विभाग और कर्मचारी यूनियन ने दबा दिया। इससे रेलवे को लगभग 60 लाख रुपये का चूना लगा है।
जानकारी के मुताबिक रिटायर कर्मचारी के दो अलग-अलग बैंक खातों में पिछले 12 सालों से अलग-अलग पेंशन आती रही। रिटायर कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी ने फैमिली पेंशन के लिए आवेदन दिया। इसके बाद एकाउंट विभाग के कुछ कर्मचारियों की गंभीर लापरवाही सामने आई। इस मामले में एकाउंट विभाग के ओएस घनश्याम पटेल और एकाउंट असिस्टेंड हर्ष वर्मा को मामले में गंभीर कदाचरण का आरोपी मानते हुए मेजर पेनाल्टी चार्जशीट एसएफ फाइव दी है।
जबलपुर में अमर सिंह चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) के पद पर कार्यरत थे। वे 31 मार्च 2011 को सेवानिवृत्त हुए। उनके सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बिलहरी शाखा में पेंशन आती रही। अमरसिंह का स्टेंडिंग अप के भुगतान का मामला रेलवे के समक्ष लंबित था, जिस के भुगतान के लिए वे कोर्ट गये थे, जिसके पश्चात 2021 में उन्हें रेलवे ने एरियर्स का भुगतान भी किया। इसी दौरान अमर सिंह ने रेलवे में आवेदन देकर अपना पेंशन एकाउंट सेंट्रल बैंक आफ इंडिया (सीबीआई) बिलहरी शाखा से स्टेट बैंक आफ इंडिया मढ़ाताल ब्रांच में करने का आवेदन दिया। यहीं से मामला गड़बड़ा गया। जिम्मेदार विभाग कर्मिक व लेखा ने अमर सिंह के सीबीआइ शाखा से पत्राचार किए और बैंक को बिना सूचित किया। इधर एसबीआई में पेंशन भुगतान के लिए दूसरा पीपीओ आर्डर 2 जून 2021 को जारी कर दिया, जिसमें पेंशन की देय तिथि 31 मार्च 2011 दिखाई गई।