
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कलेक्टर सौरव सुमन ने कहा कि जबलपुर मेरी पहली प्रशासनिक पाठशाला रहा है। किसी भी व्यक्ति के लिए अपने प्रशिक्षण स्थल पर ही कलेक्टर बनकर आ पाना सामान्यतया नहीं होता, इसलिए मैं यहां की बागडोर मिलने को बड़ा गौरव मानता हूं। गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मेरी प्राथमिकता में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं महिला विकास हैं।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में बहुत से अच्छे काम हुए हैं, और हो रहे हैं, उनको आगे बढ़ाना मेरी प्राथमिकता होगी। पूर्व के कलेक्टर ने भी अच्छे काम किए, उनके द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट्स और योजनाओं पर उनसे चर्चा करके उन्हें पूरा कराया जाएगा। उनका प्रयास रहेगा कि जिले में सुशासन का वातावरण हो। मैं 2013 में जिले में पदस्थ रहा। उस समय सिहोरा से जबलपुर आने में डेढ़ घंटे लगते थे, जबकि अब 45 मिनट। जबलपुर में विकास के नजरिए से बड़ा बदलाव आया है। इस सकारात्मक बदलाव को और गति प्रदान की जाएगी। जिले के विकास के लिए जिससे भी मदद की जरूरत होगी, परामर्श की जरूरत होगी, लिया जाएगा।
मैराथन बैठकें लीं कलेक्टर ने नवागत कलेक्टर सौरव कुमार सुमन ने गुरूवार को मैराथन बैठकें लीं। उन्होंने अफसरों को साफ तौर पर कहा कि आम नागरिकों की समस्याओं का निराकरण प्रशासन की पहली प्राथमिकता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में अधोसरंचना विकास के कार्यों और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी सतत नजर रहेगी। सुबह अधिकारियों को जो टास्क दिया जाएगा शाम को डेटा के आधार पर उसका रिव्यू भी होगा।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि अधिकारियों को जनता से जुड़े मुद्दों के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनना होगा। उन्हें गम्भीरता से अपने दायित्वों का निर्वाह करना होगा। कलेक्टर ने कहा कि अधिकारयों को विभागीय लक्ष्यों को समय पर पूरा करना होगा। वे चाहेंगे की जिले में काम का अच्छा वातावरण है और वो आगे भी बना रहे। जितने भी अच्छे कार्य चल रहे हैं, सब जारी रहें। इसके साथ ही नए-नए आइडिया और नवाचारों को भी अपनाया जाए। उन्होंने सभी विभागों के मैदानी अधिकारियों को बिना अनुमति के हेडक्वार्टर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में साफ किया कि वे शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की नियमित तौर पर मानिटरिंग करेंगे। सुबह अधिकारियों को जो टास्क दिया जाएगा शाम को डेटा के आधार पर उसका रिव्यू भी करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भी विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की माइक्रो लेवल पर मानिटरिंग करना होगी। कलेक्टर ने कहा कि अनुशासन पर उनका ज्यादा जोर रहेगा। वे चाहेंगे कि अधिकारी-कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंचें। लोगों के काम रूटीन में हो, इनके लिए किसी तरह के कैम्पेन चलाने की जरूरत न पड़े। जो अच्छा कार्य करेंगे, उनकी प्रशंसा होगी और जो ढिलाई बरतेंगे उनको दंड भी भुगतना होगा। उन्होंने बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों से एक टीम के रूप में कार्य करने का आग्रह भी किया। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के त्वरित निराकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिना उनकी अनुमति के सीएम हेल्पलाइन की किसी भी शिकायत को फोर्स क्लोज न किया जाए।
कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में जिला पंचायत की सीइओ डा. सलोनी सिडाना, नगरनिगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा, विमलेश सिंह एवं नमः शिवाय अरजरिया, स्मार्ट सिटी की सीइओ निधि सिंह राजपूत एवं सभी विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे।