अतुल शुक्ला जबलपुर। ओडिशा के बालेश्वर में हुए ट्रेन हादसे के बाद जबलपुर समेत देशभर के रेल मंडलों में सुरक्षा मापदंडों की समीक्षा हो रही है। घटना के बाद से रेलवे ने रेलवे लाइन से लेकर सिग्नल, प्वाइंट, रूट रिले इंटरलाकिंग समेत संरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं का आडिट शुरू कर दिया है। इस बीच जबलपुर रेल मंडल से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है। बालेश्वर की तरह ही जबलपुर रेल मंडल के बगरातवा में भी रेलवे ट्रैक के सिग्नल से छेड़छाड़ की गई, जिसके बाद मालगाड़ी ने अचानक अपना रास्ता बदल लिया।
घटना 22 मार्च की है, जब मालगाड़ी इटारसी से पिपरिया स्टेशन की ओर आ रही थी। सिग्नल के मेन लाइन से वह लूप लाइन में चली गई। इसकी खबर न तो जबलपुर रेलवे कंट्रोल को लगी और न ही स्टेशन मास्टर को। इतना ही नहीं घटना को दबाया गया और फिर गोपनीय तरीके से इसकी जांच हुई, जिसमें मंडल के सिग्नल विभाग का एक जूनियर इंजीनियर और दो तकनीशियन दोषी पाए गए। इसकी जांच अभी भी चल रही है।
जबलपुर रेल मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना की जांच गोपनीय तरीके से की। इतना ही नहीं जांच में सामने आया कि सिग्नल के मेंटनेंस का काम चल रहा था। इस दौरान सिग्नल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ने सिग्नल के तार बदला-बदली कर दिए, जिस वजह से मालगाड़ी को सिग्नल तो सही मिला, लेकिन उसका प्वाइंट बदल गया, जिस वजह से मालगाड़ी लूप लाइन में आ गई। इस घटना को जबलपुर रेल मंडल ने गोपनीय रखा, लेकिन घटना के जिम्मेदारों को तत्काल निलंबित कर जांच की गई। जांच में तीनों दोषी पाए गए हैं, लेकिन घटना बड़ी होने से इसे 90 दिन में पूरा करना है, जो 22 जून को पूरे होंगे। रेलवे का कहना है कि घटना गंभीर थी, जिसमें तीनों को नौकरी से बर्खास्त किया जाना है। इसलिए हर स्तर पर गंभीरता से जांच की जा रही है।
बगरातवा की घटना में मेन लाइन से अचानक लूप लाइन में मालगाड़ी आई, लेकिन लूप लाइन में कोई ट्रेन नहीं थी। इस वजह से बड़ी घटना नहीं हुई। रेलवे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे गोपनीय स्तर पर रखकर घटना की जांच की। जांच रिपोर्ट में सिग्नल के मेंटनेंस का काम करने वाले जेई और तकनीशियन की गलती सामने आइ। घटना की वजह और सतर्कत न रखने वाले बिंदुओं को मिलाकर रिपोर्ट बनी। इस रिपोर्ट काे रेलवे बोर्ड भेजा जाना था, जो नहीं भेजी गई। नियम के मुताबिक ऐसी घटनाओं की जांच रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड को भेजना अनिवार्य होता है, ताकि इसमें सामने आए बिंदुओं की सभी रेल मंडल समीक्षा कर, इससे सबक लें और इसे संरक्षा में शामिल किया जाए।
मालगाड़ी इटारसी से पिपरिया की ओर बढ़ी। इसे मेन लाइन पर ही चलाकर पिपरिया तक लेकर आना था, लेकिन पिपरिया के पहले आने वाले बगरातवा के पास मालगाड़ी को मेन लाइन में चलने का सिग्नल मिला, लेकिन उसका प्वाइंट बदलने से वह मेन से लूप लाइन में चली गई। इस दौरान लूप लाइन में कोई ट्रेन नहीं थी। तत्काल ड्राइवर ने समय रहते मालगाड़ी के इमरजेंसी ब्रेक दबाए और उसे रोक दिया। इसकी जानकारी तत्काल रेलवे कंट्रोल को दी गई, जिसके बाद रेलवे ने जांच की तो पता चला कि मालगाड़ी गुजरने से पहले ट्रैक के सिग्नल और प्वांइट के मेंटनेंस का काम जबलपुर रेल मंडल के सिग्नल विभाग द्वारा कराया गया है।
इनका कहना है..
बगरातवा में मालगाड़ी मेन लाइन से अचानक लूप लाइन पर आ गई। इस वक्त लूप लाइन में कोई ट्रेन नहीं थीं। घटना की गंभीरता काे देखते हुए जांच की, जिसमें सिग्नल विभाग के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। घटना की जांच अभी चल रही है, जो 90 दिन में पूरी होगी।-विवेक शील, डीआरएम, जबलपुर रेल मंडल