नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। सिहोरा के खितौला थाना क्षेत्र स्थित इसाफ बैंक में हुई डकैती के आरोपितों को लेकर पुलिस की जांच में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने खुलासा किया है कि डकैती के बाद आरोपी इंद्राना में एक किराए के कमरे में रुके थे। पुलिस ने उस कमरे से डकैती में इस्तेमाल की गई पिस्टल, एक बिना नंबर की मोटरसाइकिल और अन्य सामान जब्त किया है।
इस मामले में पुलिस ने मकान मालिक और एक अन्य युवक को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है। फरार आरोपियों पर 30 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है।
सोमवार सुबह 8:50 बजे इसाफ (स्माल फाइनेंस) बैंक में हुई डकैती के बाद, दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच आरोपित लूट का सामान लेकर फरार हो गए थे। जांच में सामने आया है कि वारदात के बाद आरोपित इंद्राना में जितेंद्र झारिया के मकान में किराए पर लिए गए कमरे में पहुंचे। वे लगभग 24 घंटे तक वहीं छिपे रहे। इस दौरान उन्होंने बैंक से लूटे गए 14 किलो 875 ग्राम सोना और पांच लाख रुपये से अधिक की नकदी का थैला बदला, और पुलिस को चकमा देने के लिए अपने कपड़े भी बदल लिए। पुलिस जब तक उनके ठिकाने का पता लगा पाती, आरोपित वहां से भाग चुके थे।
पुलिस ने मकान मालिक इंद्रजीत विश्वकर्मा से पूछताछ की। इंद्रजीत ने बताया कि गांव के सोनू बर्मन ने उसे चार-पांच युवकों से मिलवाया था। अधिक किराया मिलने के लालच में उसने बिना ज्यादा पड़ताल किए कमरा किराए पर दे दिया। वहीं, सोनू बर्मन ने पुलिस को बताया कि रईस नाम के एक युवक ने उसे कमीशन का लालच देकर किराए का कमरा ढूंढने के लिए कहा था।
रईस ने बताया था कि उसके पांच दोस्त आठ दिनों के लिए बाहर से आ रहे हैं, जिन्हें ठहरने के लिए कमरा चाहिए। इस काम के लिए उसने सोनू को 2,000 रुपये कमीशन देने का वादा किया था। अब, पुलिस के आने के बाद से रईस भी गायब है, जिससे उस पर संदेह गहरा गया है कि वह भी वारदात में शामिल था।
जांच में यह भी सामने आया है कि पांचों आरोपित लगभग 10 दिनों से इंद्राना में रह रहे थे। वे हमेशा हेलमेट पहने रहते थे और ग्रामीणों को बताते थे कि वे बैंक के एजेंट हैं और ऋण स्वीकृत कराने का काम करते हैं। वे सुबह कमरे से निकलते थे और देर रात लौटते थे।
घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला है कि आरोपितों ने वारदात से एक सप्ताह पहले ही बैंक और उसके आसपास की सड़कों की रैकी की थी। उन्होंने यह सुनिश्चित किया था कि वारदात को ऐसे समय अंजाम दिया जाए जब भीड़ कम हो, ताकि आसानी से भागा जा सके।
पुलिस ने किराए के कमरे के आसपास के ग्रामीणों से भी पूछताछ की है, जिन्होंने आरोपितों के हुलिए और संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस के पहुंचने से कुछ देर पहले ही आरोपित गांव से भागे थे, जिससे यह आशंका है कि उन्हें पुलिस के आने की भनक लग गई थी।
पुलिस अब इन जानकारियों के आधार पर अलग-अलग टीमें बनाकर आरोपितों की तलाश कर रही है। पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय की अनुशंसा पर आइजी प्रमोद वर्मा ने फरार आरोपितों की गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है, ताकि उनकी धरपकड़ में तेजी लाई जा सके।