जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर के नागरिकों को सस्ती व सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए अमृत योजना के तहत जबलपुर नगर निगम को 200 नई मेट्रो बसे मिलने वाली है, जिसमें पहली खेप में 55 बसों की सौगात मिल चुकी है, लेकिन अमृत से मिली ये सौगात शहर के कुछ निजी बस आपरेटर व आटो चालकों को रास नहीं आ रही है।पनागर रूट पर चलने वाली मेट्रो बसें अक्सर पत्थरबाजों का निशाना बन रही है। इस मार्ग पर वैसे तो पनागर के लिए 15 और गोसलपुर तक पांच कुल 20 मेट्रो बसें संचालित की जाती है, लेकिन असमाजिक तत्वों द्वारा बसों की की जाने वाली तोड़फोड़ के कारण दो-चार बसें आए दिन चार से पांच दिनों के लिए बसें खड़ी हो जातीं है। बसों के न चलने से यात्रियों को जहां आवागमन में परेशानी होती वहीं जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (जेसीटीएसएल) को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बताया जाता है कि बीते तीन माह में ही पनागर रूट की बसों पर पत्थर बरसाने से करीब 15 बसों के मंहगे शीशे टूट चुके हैं।
विदित गुरुवार को भी पनागर रूट पर गुरुवार की रात करीब 9:20 बजे बस क्रमांक 1278 पर असमाजिक तत्वों ने सामने से कांच पर पथराव कर दिया जिससे सामने का शीशा टूट गया और चालक अज्जू रजक की आंख के पास गहरी चोट आई थी। आए दिन मेट्रो बसों पर किए जा रहे हमले के विरोध में मेट्रो बस चालकों ने शुक्रवार की शाम मालगोदाम चौराहे में बसें खड़ी कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर दिया था। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन तो दिया पर पत्थरबाजों को अब तक नहीं पकड़ा जा सका।
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शहर की लाइफ लाइन है मेट्रो बसें
शहर में वर्ष 2010 से संचालित की जा रही मेट्रो बसें शहर की लाइफ लाइन बन चुकी है। आटो व निजी बसों के किराये के मुकाबले जेसीटीएसएल द्वारा संचालित ये बस सेवा आवागमन के लिहाज से सस्ती व सुलभ है। लिहाजा ज्यादातर नागरिक आवागमन के लिए मेट्रो का ही उपयोग करते हैं। वर्तमान में 55 नई और 40 पुरानी मिलाकर करीब 85 मेट्रो बसों का संचालन किया जा रहा है।
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बैंगलुरू से आते हैं महंगे शीशे-
- मेट्रो बसों पर पत्थर बरसाकर तोड़फोड़ करने से नई बसें भी क्षतिग्रस्त हो रही है। बसों का फ्रंट शीशा टूटने से उसकी मरम्मत में करीब एक सप्ताह का समय लग रहा है। क्योंकि बसों के शीशे बैंगलुरू से मंगवा कर लगाए जाते हैं। एक शीशे की कीमत करीब 20 से 22 हजार रुपये है।
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फैक्ट फाइल
- 55 नई मेट्रो बसों का हो रहा संचालन
- 20 बसें पनागर रूट पर चल रही,
- 15 बसों के टूट चुके शीशे
- 4 हजार यात्री रोजाना करते हैं सफर
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पनागर रूट पर बसों में पत्थर किए जाने से अब तक करीब 15 बसों को नुकसान पहुंचा है। बसों की मरम्मत के कारण दो-चार दिन बसें का संचालन नही हो पाता जिससे यात्रियों को भी परेशानी होती है।पत्थरबाजों पर त्वरित एक्शन लिया जाना चाहिए ताकि नागरिकों को त्वरित परिवहन सेवा का लाभ मिलता रहे।-सचिन विश्वकर्मा, सीईओ, जेसीटीएसएल