Jabalpur News : नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर रेल मंडल की सीमा में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। मंडल के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा करोड़ों का भुगतान कर किए गए निर्माण कार्यो के गुणवत्ताहीन कामों ने यात्री की सुरक्षा और ट्रेनों के संचालन को खतरे में डाल दिया है।
देवरी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म का बारिश-हवा की वजह से शेड का अधिकांश हिस्सा उड़ गया। यह गनीमत रही कि हवा का रुख विपरित था, जिस वजह से शेड, रेलवे ट्रैक की बजाए स्टेशन के बाहर की ओर गिरा। यदि रेलवे ट्रैक या प्लेटफार्म पर गिरता तो यात्री घायल हो सकते थे।
जबलपुर-सिहोरा रेल खंड में तीन दिन के भीतर दो बड़े हादसे हो गए। गोसलपुर रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज का शेड उड़ने की वजह से ओएसई टूट गई और घंटों तक ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही, जिससे न सिर्फ यात्री परेशान हुए, बल्कि रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो गया।
सूत्रों की मानें तो दोनों की कार्य को इंजीनियरिंग विभाग ने करोड़ों का भुगतान कर कार्य कराया था, लेकिन कमीशन के चक्कर में कार्य की गुणवत्ता को नजर अंदाज कर दिया गया।
जबलपुर-सिहोरा रेल खंड में आने वाले गोसलपुर रेलवे स्टेशन पर बन रहे फुट ओवर ब्रिज का सालों से निर्माण किया जा रहा है। लगभग चार से पांच साल पूर्व इस फुटओवर ब्रिज का ठेका हुआ, लेकिन ठेकेदार ने बीच में काम छोड़ दिया।
रेलवे ने ब्रिज को लेकर नई पालिसी जारी की, जिसमें ठेकेदार और इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के बीच समंवय नहीं बना। ठेकेदार ने ड्राइंग और स्वीकृति न मिलने के आरोप भी इंजीनियरिंग विभाग पर लगाए। ठेका रद हो गया और फिर दूसरी एजेंसी को इसका काम दिया गया।
ब्रिज का काम चल ही रहा था। ब्रिज के शेड को कुछ दिन पूर्व ही लगाया गया, लेकिन प्री मानसून में ही कार्य की खराब गुणवत्ता की वजह से शेड हवा में उड़ा और ओएचई पर जाकर गिर गया, जिससे ओएचई टूट गई और दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को जहां तहां रोक दिया गया।
इस मामले में सीनियर डीईएन समंवय जेपी सिंह ने एसएसई शशिकांत कुमार को निलंबित भी किया है। हालांकि इसमें वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है, जिन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
गुरुवार शाम प्री मानसून की तेज हवाओं ने देवरी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म का शेड उड़ा दिया। शेड का अधिकांश हिस्सा चंद मिनट पर ताश के पत्तों की तरह हवा में उड़ गया। शेड़ उड़ने की आवाज सुनकर यात्री घबराए गए। इधर प्लेटफार्म पर तेज हवा और बारिश की वजह से अफरा-तफरी मच गई।
सूत्रों के मुताबिक इस शेड का निर्माण इंजीनियरिंग विभाग के एसएसई ने कराया था। कुछ दिनों पूर्व सिहोरा रेलवे स्टेशन पर अमृत योजना के तहर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किए जा रहे गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यो की शिकायत पर विजलेंस ने कार्रवाई कर मौके से सैम्पल लिए थे, लेकिन न तो जांच रिपोर्ट जारी की न ही विजलेंस और इंजीनियरिंग विभाग ने किसी अधिकारी पर कार्रवाई की।