Subhash Chandra Bose Jayanti 2021: सिद्धार्थ तिवारी, जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की यादें आज भी जीवंत हैं। इस जेल में नेताजी दो बार रहे हैं। जिस वार्ड में नेताजी को बंदी के रुप में रखा गया था उसे सुभाष वार्ड का नाम दिया गया है। इस वार्ड में सभी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। उस वार्ड में सुभाष जी से जुड़ी कई यादें संजोकर रखी गई हैं।
यादें जीवंत हैं
केंद्रीय जेल जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की यादें जीवंत हैं। जेल में उनके द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं को म्यूजियम में रखा गया है। यहां पर उनके द्वारा उपयोग किए गए सभी बर्तन, हथकड़ी, च-ी और अन्य सामान को सहेजकर रखा गया है। यहां एडमिशन बंदी रजिस्टर भी है जिसमें नेताजी का नाम दर्ज है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस का लिखा पत्र फ्रेम करके सुभाष वार्ड में ही लगाया गया है। नेताजी ने यह पत्र वियेना से सिवनी के जेलर देशपांडे को 13 अप्रैल 1933 में लिखा था।
सुभाष वार्ड में लगे हैं नेताजी के दुर्लभ चित्र
सुभाष वार्ड में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के बचपन से लेकर जवानी तक की फोटो इसके अलावा उनकी पत्नी, माता पिता और भाई के दुर्लभ चित्र हैं।
बंदी एडमिशन रजिस्टर में दर्ज जानकारी इस तरह दी हुई है
प्रवेश- 22 दिसंबर 1931
स्थानांतरण- 16 जुलाई 1932 को बंबई
दोबारा प्रवेश- 18 फरवरी 1933
स्थानांतरण 22 फरवरी 1933 को मद्रास
जेल आने पर लंबाई- 5.7
वजन- 144 पौंड (65.3 किलो)
इनका कहना है
नेताजी सुभाषचंद्र बोस दो बार केंद्रीय जेल में रहे। सन् 2007 में केंद्रीय जेल का नाम उनके नाम पर दर्ज किया गया। जेल में हर साल 23 जनवरी को विभिन्न कार्यक्रम कर उन्हें याद किया जाता है।
गोपाल ताम्रकार, जेल अधीक्षक