नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन की ओर से बहस के लिए तैयारी के लिए समय दिए जाने का निवेदन किया। कोर्ट ने यह मांग स्वीकार करते हुए प्रकरण की अंतिम सुनवाई नवंबर के दूसरे सप्ताह में नियत कर दी। ओबीसी के होल्ड अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, वरुण ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, उदय कुमार व अजय सिंह यादव खड़े हुए। उन्होंने विगत सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख व ऑब्जर्वेशन के बावजूद तैयारी के नाम पर समय मांगे जाने का विरोध किया।
राज्य शासन की ओर से अंतरिम स्थगनादेश को समाप्त किए जाने पर बल न दिए जाने पर भी आपत्ति दर्ज कराई। सुप्रीम कोर्ट की रजामंदी के बावजूद अंतरिम आदेशों को स्थगित कराकर मामले हाई कोर्ट प्रत्यावर्तित कराए जाने के सिलसिले में भी सरकार की ओर से सकारात्मक रुख न अपनाए जाने पर सवाल खड़ा किया। वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रश्न उठाया था कि विधायिका द्वारा बनाया कानून लागू करने मे क्या अड़चन है।
इसके बावजूद सरकार ने कोर्ट की उक्त बात को गंभीरता से न लेकर अंतिम सुनवाई के लिए समय ले लिया। वहीं दूसरी ओर राज्य शासन की ओर से ओबीसी मामले की सुनवाई के लिए नए वकील अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी, सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सालिसिटर जनरल केएम नटराज और मप्र के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को नियत किए जाने का तर्क देकर तैयारी के लिए समय पर बल दिया।