नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर के अधारताल थाना क्षेत्र में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक शव को अंतिम संस्कार से पहले ही पुलिस ने श्मशान घाट से वापस मंगवा लिया। यह कार्रवाई तब की गई जब मृतक के बेटे ने पिता की मौत को संदिग्ध बताते हुए पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा।
मृतक की पहचान कृष्णा सोमी (55 साल) के रूप में हुई है, जो महाराजपुर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, पानी की टंकी के पास अपनी बहन पुष्पा पिल्ले के साथ बीते आठ साल से रह रहे थे। गुरुवार को उनकी अचानक मौत हो गई। उनकी मौत के बाद स्थानीय परिजन और पड़ोसी शुक्रवार सुबह शव को अंतिम संस्कार के लिए सुहागी स्थित श्मशान घाट लेकर पहुंचे और तैयारियां शुरू कर दी थीं।
कृष्णा सोमी के पुत्र हेमंत सोमी और पुत्री राधिका उत्तर प्रदेश के आगरा में रहते हैं। जब पिता की मौत की सूचना उन्हें मिली, उस समय हेमंत नासिक में किसी काम से गए हुए थे। उन्होंने लौटते ही देखा कि बिना उनकी उपस्थिति के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। इसी जल्दबाजी पर हेमंत को शक हुआ। उन्होंने अधारताल पुलिस को फोन कर अपने पिता की मौत को संदिग्ध बताया और मामले की जांच की मांग की।
सूचना मिलते ही अधारताल थाना पुलिस की टीम श्मशान पहुंची और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को रोक दिया। शव को अर्थी से उठाकर अपने साथ ले गई और मेडिकल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई मृतक के पुत्र की शिकायत पर की गई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि की जा सकेगी।
शव को ले जाते समय कुछ लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया कि बेटे की संदेहजनक शिकायत के चलते यह जरूरी है। पुलिस ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि अगर मौत सामान्य निकली तो तुरंत अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी जाएगी।