Bhedaghat Waterfall : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जबलपुर रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने का काम जल्द शुरू होने वाला है। तीन माह में नए स्टेशन की ड्राइंग तय कर निजी कंपनी को ठेका दे दिया जाएगा। प्लेटफार्म एक के बाहर बनी मुख्य बिल्डिंग को तोड़कर यहां दो नई बिल्डिंग बनाई जाएंगी। इन्हें इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, जिससे स्टेशन में भेड़ाघाट की संगमरमरी वादियों की झलक दिखाई दे। इतना ही नहीं दोनों बिल्डिंग के बीच में पानी की लहरें दिखाई देंगी, जिससे भेड़ाघाट का दृश्य निर्मित होगा। दरअसल स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जिस निजी एजेंसी को काम सौंपा गया है, उसने जबलपुर रेल मंडल को चार डिजाइन तैयार करके की है। इसमें से एक डिजाइन को लगभग फाइनल कर दिया गया है। इसमें मुख्य बिल्डिंग को भेड़ाघाट की तर्ज पर बनाया जाना है।
चार डिजाइन, एक पर काम शुरू -
जबलपुर के प्राचीन इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, नर्मदा घाट और पर्यटन को ध्यान में रखकर मुख्य रेलवे स्टेशन का डिजाइन करना है। इसके लिए रेलवे ने दिल्ली की निजी एजेंसी को काम सौंपा था, जिसने चार ड्राइंग बनाई हैं। इसमें पहली ड्राइंग में चौसठ योगनी मंदिर की तस्वीर को मुख्य बिल्डिंग पर दिखाया गया है। दूसरी ड्राइंग में नर्मदा नदी के सौंदर्य को और तीसरी ड्राइंग में भेड़ाघाट की तस्वीर को उकेरा गया है। वहीं चौथी ड्राइंग में जबलपुर के प्राचीन मंदिरों की झलक दिखाई गई है। इसमें से भेड़ाघाट के सौंदर्य को दिखाती तस्वीर को फाइनल किया गया है। हालांकि अभी इसमें कुछ और सुधार किए जाने हैं। यह काम पूरा होते ही जबलपुर स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने की तस्वीर साफ हो जाएगी।
प्लेटफार्म के ऊपर चार मंजिला बिल्डिंग
जबलपुर रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए देश ही नहीं बल्कि अन्य देशों के रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का अध्ययन किया गया है। इसमें रेल अधिकारियों ने जिस ड्राइंग पर सहमति दिखाई है, उसमें जबलपुर रेलवे स्टेशन के सभी छह प्लेटफार्म के ऊपर विशाल ड्रोम और चार मंजिला बिल्डिंग बनेगी। विशाल ड्रोम की मदद से यात्री किसी भी प्लेटफार्म पर जा और आ सकेगा। वहीं चार मंजिला बिल्डिंग में से पहली में यात्री सुविधा, दूसरे में रेल कार्यालय, तीसरे में रेस्टोरेंट और चौथी मंजिल में रिटायरिंग रूम होगा। इसके अलावा प्लेटफार्म पर नीचे से जाने के लिए कोई विकल्प नहीं दिया जाएगा।
34 करोड़ खर्च, कबाड़ में जाएगा सामान-
- लगभग एक साल पूर्व ही जबलपुर स्टेशन को रिडेवलप कर सुविधायुक्त बनाया गया है। कोलकत्ता की निजी एजेंसी बाबा कंट्रक्शन को यह काम सौपा गया था। इस दौरान एक साल तक स्टेशन में तोड़फोड़ चलती रही, जिससे यात्री, कर्मचारी और स्टाल संचालक परेशान थे। अब एक साल बाद फिर से स्टेशन में तोड़फोड़ शुरू होगी, जिससे हर दिन यहां आने वाले 20 हजार यात्री परेशान होंगे। वहीं रिडेवलपमेंट के तहत लगाए गए 34 करोड़ रुपये बर्बाद हो जाएंगे।
अब क्या होगा
- अभी विश्वस्तरीय स्टेशन की ड्राइंग पर सुझाव दिए हैं, जिसमें सुधार करने में लगभग एक माह का वक्त लग सकता है।
- इसके बाद जबलपुर रेल मंडल डीपीआर जारी कर स्वीकृति के लिए रेल बोर्ड भेजेगो। इसमें एक माह का वक्त लगेगा।
- तीसरे चरण में निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी तय कर उसे काम सौंपा जाएगा, जिसमें एक माह का वक्त लगेगा।
- मुख्य तौर पर तीन माह बाद स्टेशन को तोड़ने का काम शुरू हो जाएगा और जिसमें छह माह लगेगा।