नईदुनिया, जबलपुर (Jabalpur News)। जबलपुर में भी अंग्रेजों की ‘दासता’ की निशानी राइट टाउन, नेपयिर टाउन, लार्डगंज सहित अन्य क्षेत्रों के नाम बदलने की जाने की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। ब्रिटिश काल में शहर के इन क्षेत्रों के नाम अंग्रेज अफसरों पर रखे गए थे जो अब भी कागजी लिखा-पढ़ी से लेकर आम बोलचाल में प्रयोग हो रहा है।
आने वाले दिनों में अंग्रेजों के नाम पर रखे गए इन क्षेत्रों के नाम बदले जाएंगे। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने स्पष्ट किया है कि जल्द ही मेयर इन काउंसिल की बैठक में राइट टाउन, नेपियर टाउन जैसे क्षेत्रों के नाम परिवर्तन करने संबंधी प्रस्ताव लाया जाएगा और प्रस्ताव पास कर क्षेत्रों के नाम बदले जाएंगे।
महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बताया कि ब्रिटिश काल से चले आ रहे नामों को बदलना होगा। शहर के नेपियर टाउन, राइट टाउन सहित कुछ अन्य क्षेत्रों के नाम बदलने होंगे। क्षेत्रीय विधायकों से चर्चा चल रही है।
आगामी एमआइसी में प्रस्ताव लाकर नाम बदले जाएंगे। वह नाम रखने होंगे जिन्हें देखने, सुनने और बोलने से प्रेरणा मिले। आने वाली पीढि़यां भी उनसे प्रेरणा ले और उनके पदचिंहों पर चलकर अपना भविष्य तय करें।
एलन बर्टर नेपियर 17 नवंबर 1912 से 22 फरवरी 1913 डिप्टी कमिश्नर रहे। उनके नाम पर शहर के बीचों बीच स्थित क्षेत्र का नाम नेपियर टाउन पड़ा।
आर्थर राइट, राजा गोकुल दास के पुतली घर मे मैनेजर एवं परफेक्ट पाटरी में डारेक्टर थे। उनके नाम पर शहर के एक क्षेत्र का नाम राइट टाउन पड़ गया।
लार्ड विलियम बेंटिक सन 1833 में जबलपुर आए थे, जिस स्थान पर उनको टेंट लगा कर रुकवाया गया था उसी स्थान को लार्ड गंज कहा जाने लगा।
ई एल रसल कमिश्नर अाफिस में सुप्रिडेंट थे । उनके नाम से रसल चौक पड़ा।