
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा-2022 में शामिल हुए एक आवेदक का रिजल्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को नियत की है।
कोर्ट ने आवेदक की उम्मीदवारी निरस्त किए जाने को प्रथमदृष्ट्या अनुचित पाते हुए उसे साक्षात्कार में शामिल करने के निर्देश दिए थे। आवेदक की ओर से बताया गया कि उसका रिजल्ट रोक दिया गया है। राजस्थान अंतर्गत बंसवारा निवासी उदित त्रिवेदी की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पक्ष रखा।
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अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने दलील दी कि याचिकाकर्ता चार्टेड एकाउंटेंट है, जिसका सर्टिफिकेट भी है। याचिकाकर्ता ने असिस्टेंट प्रोफेसर-2022 के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद परीक्षा भी उन्होंने उत्तीर्ण की। लेकिन चयन सूची में नाम आने के बाद भी साक्षात्कार में शामिल नहीं किया जा रहा है। आयोग सीए की डिग्री को स्नातकोत्तर नहीं मानता। दलील दी गई कि यूजीसी का सर्कुलर है कि सीए, सीएस व आईसीडब्ल्यूए को पीजी के समकक्ष माना जाए। आवेदक सीए है, अत: असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्य है।