जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सावन माह के दूसरे सोमवार को स्वयं भू गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से भगवान की शाही सवारी शान के साथ निकली। कोरोना के कारण गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर परिसर में ही शाही सवारी प्रतीकात्मक रूप से निकाली गई। इस दौरान सीमित संख्या में भक्तों ने भगवान का विधि-विधान के साथ पूजन अर्चन किया।
उज्जैन की तर्ज पर निकाली शाही यात्रा : उज्जैन के महाकाल बाबा की तर्ज पर गुप्तेश्वर महादेव की शाही सवारी निकाली जाती है। वर्ष 2010 से सावन माह के दूसरे सोमवार को यह यात्रा स्वामी डॉ. मुकुंददास महाराज के नेतृत्व में नगर भ्रमण के लिए निकलती है। कोरोना के कारण पिछले वर्ष की तरह इस बार भी यात्रा मंदिर प्रांगण में प्रतीकात्मक रूप से निकाली गई।
पालकी का किया पूजन : गुप्तेश्वर भगवान एवं पालकी का पूजन विधि-विधान से आचार्य योगेन्द्र त्रिपाठी ने किया। शाही सवारी यात्रा में द्वारिका प्रसाद मिश्रा, पंकज पाण्डे, रघुवीर भंडारी, बसंत मिश्रा, एड.राजेश तिवारी, जगजीवन कपिल, हिमेन्द्र, राजा रजक, लोकेश गुप्ता, उत्कर्ष रावत, कमलेश जायसवाल, अनुज तिवारी, मनीष राजविज आदि उपस्थित रहे।
डमरू, शंख, मंजीरे की ध्वनि गूंजी : यात्रा का शाही स्वरूप पूजन के पश्चात गुप्तेश्वर भगवान की पालकी, हर-हर महादेव के जय घोष के साथ, ढोल, घंटा, डमरू, शंख, मजीरे की ध्वनि के बीच भक्तों को आशीर्वाद देने निकली। भगवान पालकी मंदिर से निकलकर परिसर से मुख्य मार्ग पर पहुंची। जहां पर पालकी को चारों दिशाओं में घुमाया गया, जिससे भगवान का आशीर्वाद सभी भक्तों को प्राप्त हो सके। इसके बाद पालकी मंदिर के मुख्य द्वार पर विराजित हुई जिससे सभी भक्तों को दर्शन हो सके।