Jabalpur News : नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। प्रदेश का पहला रेल कोच रेस्टाेरेंट जबलपुर रेल मंडल के जबलपुर रेलवे स्टेशन में खोला गया। प्लेटफार्म छह के बाहर सर्कुलेशन एरिया में इस रेस्टारेंट का पमरे महाप्रबंधक ने भव्य शुभारंभ भी किया, लेकिन समय के साथ इस रेस्टारेंट में सुधार होने की बजाए, इसमें विवाद बढ़ने लगे। रात में नशेड़ियों का जमावड़ और विवाद बढ़े। यहां तक की जिस ठेकेदार ने इस रेस्टारेंट को रेलवे से ठेके पर लिया, उनसे पेटी पर दूसरों को दे दिया, लेकिन पैसे के लेनदेन की वजह से मामला थाने तक पहुंच गया।
आज हालात यह है कि रेस्टारेंट के बाहर बनी चौपाटी के दोनों ओर दुकानें बंद हैं। यहां पर यात्रियों को दिए जाने वाली खाने की गुणवत्ता, रेलवे स्टेशन के स्टाल में मिलने वाले भोजन की तरह खराब हो चुकी है। जिस कोच रेस्टारेंट को माडल के तौर पर विकसित कर, बाकी रेलवे स्टेशन परिसर में बनाया जाना था, वह दुर्दशा का शिकार हो गया है। इधर मदनमहल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म चार के बाहर खोला गया कोच रेस्टारेंट भी कुछ दिन के भीतर ही बंद हो गया, जो अब तक बंद पड़ा है।
जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग ने जबलपुर समेत पांच रेलवे स्टेशन में कोच रेस्टारेंट खोलने का निर्णय लिया गया। इसमें जबलपुर, मदनमहल, कटनी-मुडवारा, सतना और रीवा रेलवे स्टेशन का चयनित किया गया। यहां पर कोच रेस्टारेंट खोलने के लिए पांच साल की लीज पर रेल कोच और जमीन, रेलवे ने निजी ठेकेदार को दी। इस शर्त पर कि वह रेस्टारेंट खुद चलाएगा, दूसरे को नहीं देगा। खाने-पीने से लेकर स्वच्छता तक का यहां पर खास ख्याल रखना था। इतना ही नहीं खाने की कीमत से लेकर यहां पर काम करने वालों का, यात्रियों के प्रति अच्छा व्यवहार करने की शर्त भी थी, जिसका आज तक पालन ही नहीं हुआ। यहां तक की अब यहां की सफाई और स्वाद, दोनों ही बिगड़ गए हैं।
काेच रेस्टारेंट के बाहर बनी चौपाटी को ठेकेदार ने खुद चलाने की बजाए, दूसरे ठेकेदार को दे दीं। इन चौपाटी की दुकानों को रेलवे नियम के विरूध किराए पर दी। कुछ दिन के भीतर ही ठेकेदार और पेटी पर काम करने वाले ठेकेदार के बीच पैसे को लेकर ऐसा विवाद हुआ कि मामला झगड़े तक आ पहुंच और फिर सभी दुकानों को बंद कर दिया गया। यह दुकानें अब बंद हैं। सिर्फ कोच रेस्टारेंट ही चल रहा है, लेकिन इसका संचालन भी पुलिस ने यहां पर बढ़ते विवादों को देखते हुए सीमित समय के लिए कर दिया गया। जबकि रेलवे नियम के मुताबिक कोच रेस्टारेंट को 24 घंटे खोला जाना था, लेकिन इन दिनों सिर्फ 16 घंटे ही चलाने की पुलिस ने परमिशन दी। इधर आसपास अवैध वेंडर और स्टाल लग गए हैं।
नागपुर रेलवे स्टेशन के बाहर भी कोच रेस्टारेंट खोला गया है, लेकिन यहां की सुविधा, साधान और स्वाद-स्वच्छता, सभी मापदंड, जबलपुर की तुलना में बेहतर हैं। यहां के रेस्टारेंट का संचालन हल्दीराम कंपनी को दिया गया है, पर जबलपुर में जिस ठेकेदार को पांच में से तीन कोच रेस्टारेंट दिए, उसे इसे चलाने का अनुभव तक नहीं है। इस वजह से इनकी हालात और खराब हो चुकी है। यहां पर न तो खाने के स्वाद में कोई सुधार किया गया और न ही सफाई पर ध्यान दिया गया। यहां पर आए दिन काम करने वालों के बीच ही विवाद होता जा रहा है।
मदनमहल रेलवे स्टेशन- यहां पर कोच रेस्टारेंट को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया और कुछ दिन इसका संचालन भी हुआ, लेकिन एनएचएआइ द्वारा बनाए जा रहे फ्लाईओवर के निर्माण में इतनी धूल उड़ी कि इस रेस्टारेंट को बंद करना पड़ा।
कटनी में जिस जगह पर कोच रेस्टारेंट खोला जाना था, वहां तक कोच पहुंचाना मुश्किल था। इस वजह से यह रेस्टारेंट अब तक खुला ही नहीं।
सतना में कोच रेस्टारेंट शुरू हो गया है, लेकिन यहां भी आसपास अवैध स्टाल और ठेले लग गए हैं। जल्द ही स्टेशन निर्माण में इसे भी बंद कर दिया जाएगा।
फिलहाल रीवा स्टेशन में ही कोच रेस्टारेंट खुला है, जहां पर यात्री और आम लोग आ रहे हैं, लेकिन यहां भी सफाई और स्वाद को लेकर अक्सर शिकायत सामने आती हैं।