जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि Jabalpur Railway News । जबलपुर रेल मंडल ने स्टेशन पर बिना मास्क के घूमने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रोको-टोका अभियान चलाया है। इस अभियान का ट्वीट से लेकर अखबारों तक में जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, लेकिन स्टेशन पर इसकी हकीकत कुछ और ही है।
रविवार को शहर में लॉकडाउन के बाद भी रेलवे स्टेशन पर आम दिनों की तरह की चहल-पहल थी।रविवार को लाॅकडाउन में दोपहर तकरीबन सवा एक बजे जब स्टेशन के हालात यह रहे कि मुख्य रेलवे स्टेशन के मालगोदाम की ओर से प्लेटफार्म छह की ओर जाने वाली सड़क पर वाहनों को धमाचौकड़ी जारी रही। कोई भी कहीं भी वाहन खड़ा करता और अपने परिचित और उनका लगेज लेकर प्लेटफार्म के अंदर चला जाता । सर्कुलेशन एरिया में इन्हें रोकने और टोकने वाला कोई नहीं था। प्लेटफार्म 6 के प्रवेश द्वार पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान खड़े थे। स्टेशन में प्रवेश करने वाले और बाहर जाने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग गेट थे। प्रवेश करने वाले गेट पर थर्मल स्केनर और बैग स्कैनर मशीनें लगी थीं, लेकिन दोनों सिर्फ डमी का काम कर रही थी। तकरीबन एक घंटे के दौरान जिस यात्री से होते हुए प्लेटफार्म 6 में प्रवेश किया, उनका न तो तापमान चेक हुआ और न ही उनके लगेज की जांच की गई। ऐसा एक भी यात्री आरपीएफ को नहीं मिला, जिसका तापमान अधिक हो।
सर्कुलेशन एरिया में फैली सामग्री: सर्कुलेशन एरिया के 80 फीसदी हिस्से में निर्माण सामग्री फैली हुई थी। यहां पर अधिकांश यात्री और उनके साथ आने वाले लोग, बिना मास्क के ही दिख रहे थे। इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं थी। हालांकि प्लेटफार्म पर बिना मास्क के प्रवेश करने वालों को जीआरपी के जवानों ने रोका और समझाईश देते हुए उनका चालान काट रहे थे। इस दौरान आरपीएफ से ज्यादा एक्शन मोड पर जीआरपी के जवान दिखे।
थर्मल स्केनर सिर्फ दिखावा: प्रवेश द्वार-प्लेटफार्म 6 और 1 के प्रवेश द्वार से अंदर आने वाले यात्री थर्मल स्केनर के सामने रूकने की बजाए सीधे निकल रहे थे। जबकि थर्मल स्केनर के सामने कुछ सेकेंड रूकना होता है, लेकिन स्टेशन पर ऐसा कुछ नहीं था। दरअसल रेलवे की ओर से यहां स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और कर्मचारी मौजूद नहीं थे। आरपीएफ के जवान यदि किसी संदिग्ध व्यक्ति को रोक भी लें, तो उनकी प्राथमिक जांच के लिए उनके पास कोई व्यवस्था नही थी।
बिना टिकट ट्रेन तक पहुंचे लोग: प्लेटफार्म- प्लेटफार्म 6 पर सोमनाथ एक्सप्रेस रवाना होने के लिए खड़ी थी। इस बीच अधिकांश यात्री ट्रेन में सवार होने कोच में चढ़ गए, लेकिन कई ऐसे थे, जो इन्हें छोड़ने आए थे। इनमें से किसी के पास भी प्लेटफार्म टिकट नहीं थी। यहां तक की प्रवेश द्वार पर खड़े चेकिंग स्टॉफ सिर्फ यात्रियों की टिकट देख रहे थे। वहीं जिस रास्ते से यात्रियों को स्टेशन से बाहर जाना था, उस रास्ते से लोग प्रवेश भी करते दिखे।
ऐसी दिखी लापरवाही:
- बिना मास्क वालों को स्टेशन में प्रवेश करने से किसी ने नहीं रोका,
- आरपीएफ के जवान बिना मास्क वालों को प्रवेश करने से नहीं रोकता दिखा
- स्टॉल चलाने वाले ही मास्क नहीं पहनने हुए थे, फिर भी उनका चालान नहीं काटा
- ऑटोचालक से लेकर रिक्त चालाक भी बिना मास्क के सर्कुलेशन एरिया में खड़े थे।
- स्टेशन प्रबंधन की ओर से मास्क पहनने के लिए एनाउंस तक नहीं किया जा रहा था।