जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चोर गिरोह ने मध्य प्रदेश के डीजीपी के जबलपुर स्थित सूने घर में सेंध लगाई थी। जबलपुर पुलिस ने सरगना समेत गिरोह के तीन सदस्यों को मुरादाबाद में गिरफ्तार किया। आरोपितों के कब्जे से चांदी की तीन मूर्तियां एवं चांदी की कटोरी जब्त की गई है। जो उन्होंने डीजीपी के रिश्तेदार के घर से चुराई थीं। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने रविवार को आरोपितों की गिरफ्तारी की जानकारी दी। गिरफ्त में आए आरोपितों विजेंद्र जाटव पिता ओमप्रकाश 38 वर्ष निवासी ग्राम अमावती कुतुबपुर थाना हयाल नगर जिला संभल उत्तर प्रदेश, नसीम सैफी पिता कर्यूम 24 वर्ष निवासी ग्राम अकरोली थाना बनिया ठेर तहसील चंदौसी संभल एवं इमरान खान पिता लहीक 22 वर्ष निवासी ग्राम अकरौली थाना बनिया ठेर चंदौसी संभल से कड़ी पूछताछ की जा रही है। आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लिया जा रहा है।
यह है मामला-
बीएचईएल के सेवानिवृत्त अधिकारी नब्बे क्वार्टर संजीवनी नगर निवासी सुनील वर्मा ने नौ मई को चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी भाभी सुमित्रा वर्मा अपने बच्चों के पास दिल्ली में हैं। प्लाट नंबर-10 सीओडी कालोनी संजीवनीनगर स्थित उनके सूने घर का ताला तोड़कर चोरों ने चांदी की तीन मूर्तियां समेत अन्य सामान चुरा लिया है। सुनील वर्मा मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डीजीपी सुधीर सक्सेना के रिश्तेदार हैं। पुलिस मौके पर पहुंची तो घर के सभी दरवाजे खुले मिले। कमरों में रखी आलमारियां खुलीं तथा गृहस्थी का सामान बिखरा पड़ा था। गणेश जी, लक्ष्मी जी एवं साईं बाबा की चांदी की तीन मूर्तियां, चांदी की कटोरी गायब थी।
तकनीकी साक्ष्य से कसा शिकंजा-
चोरी की एफआइआर दर्ज कर पुलिस चोरों की तलाश में जुटी थी। सायबर सेल को भी सक्रिय किया गया। पुलिस को उत्तर प्रदेश के दो मोबाइल नंबर मिले। जिसके बाद एएसपी क्राइम संजय अग्रवाल ने धनवंतरि नगर चौकी प्रभारी सतीश झारिया के नेतृत्व में एसआइ सरिता पटेल, आरक्षक राजेश मिश्रा, छत्रपाल निषाद एवं पुलिस लाईन में पदस्थ एएसआइ रमाकांत मिश्रा, विजय शुक्ला, प्रधान आरक्षक ज्ञानेंद्र पाठक, सायबर सेल के अमित पटेल, नवनीत चक्रवर्ती, दुर्गेश दुबे, दीपक राजपूत को उत्तर प्रदेश रवाना किया। संभल पुलिस की मदद से टीम ने आरोपित विजेंद्र जाटव को पकड़ लिया। उससे मिली जानकारी के आधार पर नसीम और इमरान को पकड़ा गया। तीनों ने सुमित्रा वर्मा के घर चोरी की घटना स्वीकार कर ली।
एक मई को बैलेंसिंग राक देखने आए थे-
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि आरोपित नसीम शातिर चोर है, जो पूर्व में मुरादाबाद में पकड़ा जा चुका है। आरोपितों ने बताया कि एक मई को तीनों जबलपुर में बैलेंसिंग राक देखने आए थे। ईद का पर्व होने के कारण वापस चले गए थे। आठ मई को पुन: दिल्ली से ट्रेन द्वारा जबलपुर आए, मदनमहल में होटल में रुके और चोरी की साजिश रची। रात में घूमकर संजीवनी नगर क्षेत्र में रेकी की। बड़ा घर देखकर उन्होंने सुमित्रा वर्मा के घर के ताले तोड़े। नौ मई को दोबारा चोरी करने निकले थे। पुलिस की सक्रियता देखकर लौट गए थे।
भोपाल व उदयपुर में भी चोरी स्वीकारी-
गिरोह के सदस्यों ने भोपाल एवं उदयपुर राजस्थान में भी चोरी की घटना स्वीकार की, जिसके संबंध में पुलिस भोपाल व उदयपुर पुलिस से संपर्क कर रही है। पुलिस ने बताया कि विजेंद्र आलू की ट्रेडिंग का काम करता है। नसीम कारपेंटर है तथा इमरान मजदूरी करता है। विजेंद्र गिरोह का सरगना है। उसका बड़ा भाई चोरी के प्रकरण में उत्तर प्रदेश की जेल में बंद है। संजीवनी नगर में चोरी करने के बाद तीनों 10 मई को दोपहर 3.30 बजे ट्रेन से उदयपुर चले गए थे।
Posted By: Mukesh Vishwakarma