अतुल शुक्ला, नईदुनिया, जबलपुर। सिंगरौली, कटनी और अब जबलपुर भी सोने का भंडार मिला है। सिहोरा में 150 एकड़ में यह संपदा मौजूद है। इसके पूर्व कटनी में 16 एकड़ में और सिंगरौली में करीब 100 एकड़ में सोने-चांदी की मौजूदगी मिली है, लेकिन इन खनिजों को निकालने के बाद रिफाइंड के लिए प्रदेश में एक भी प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है। इसिलए इन खनिजों को कर्नाटक भेजा जाएगा।
खनन और उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि जब तक कटनी और जबलपुर में सोने-चांदी की प्रोसेसिंग यूनिट नहीं लगती, तब तक इन खदानों का फायदा आम लोगों को नहीं होगा। न तो रोजगार बढ़ेंगे और न ही व्यापार। हालांकि खनिज विभाग का कहना है कि तीनों जिलों में सोने-चांदी की उपलब्धता को देखते हुए यहां प्रोसेसिंग यूनिट लगाना ही होगा। इन खदानों को लीज पर लेने वाली कंपनी प्रोसेसिंग यूनिट लगाएगी।
कटनी के खनिज विभाग के प्रभारी डा. रत्नेश दीक्षित के मुताबिक खदानों में मौजूद चट्टानों को तोड़कर उसमें से न सिर्फ सोना, बल्कि चांदी, कापर, जिंक और लेट भी अलग-अलग किया जाएगा। इसके लिए प्रोसेसिंग यूनिट होना अनिवार्य है। प्रोसेसिंग यूनिट में धातुओं को शुद्ध करने के लिए रासायनिक और भौतिक प्रक्रिया होती है। अशुद्ध सोने या चांदी को अलग करके उच्च ताप में शुद्ध धातु निकाली जाती है।
सोने या चांदी के कणों को पारे में घोला जाता है, जिससे अमलगम नामक मिश्र धातु बनती है। इस तरीके से छोटी मात्रा में धातु को केंद्रित किया जाता है। इसके बाद इसे पिघलाकर अशुद्धियों को हटाते हैं। इसके बाद इसमें सबसे पहले रासायनिक विधियों के उपयोग से सोने और चांदी की मिश्र धातु से चांदी को अलग करने के लिए नाइट्रिक एसिड का उपयोग किया जाता है। प्रोसेसिंग यूनिट लगने से युवाओं और महिलाओं को रोजगार मिलेगा, व्यापारियों को शुद्ध और कम दाम में सोना-चांदी उपलब्ध हो पाएगा।
जबलपुर
कटनी:
जबलपुर के सिहोरा से लगे केवलारी में करीब 60 हेक्टेयर में सोने की खदान मौजूद है, लेकिन यहां, यह कितनी मात्रा में किस गुणवत्ता का है इसकी जांच की जा रही है। इसके बाद ही इसे लीज पर दिया जाएगा। यहां पर एक टन खनिज में करीब 21 ग्राम सोना निकलने की संभावना है। लीज लेने वाली कंपनी यहां प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाएगी। -अशोक राय, खनिज अधिकारी, जबलपुर
सोने-चांदी की खदान होने के साथ यदि यहां पर इसकी प्रोसेसिंग यूनिट लगेगी, तभी इसका फायदा सराफा के व्यापारी और सोना-चांदी खरीदने वाले ग्राहक को होगा। इससे दाम कम होंगे और लोगों को कम दाम में शुद्ध सोना और चांदी उपलब्ध होगा। प्रदेश सरकार को इन खदानों के पास प्रोसेसिंग यूनिट भी लगानी चाहिए। -राजा सराफ, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश सराफा एसोसिएशन