नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। स्कूलों की छुट्टी शुरू होते ही लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए सैर सपाटे पर निकल रहे हैं। जबलपुर से बड़ी संख्या में लोग पहाड़ों से लेकर धार्मिक स्थल और दक्षिण भारत की सैर पर जा रहे हैं। स्थिति ये है कि 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है।
जबलपुर से करीब 26 से ज्यादा राज्यों के लिए ट्रेन हैं, लेकिन इस बार क्रिसमस की छुट्टी से लेकर नए साल तक ट्रेनों में वेटिंग टिकट मिलना मुश्किल है। जिन यात्रियों ने एक से दो माह पूर्व ही ट्रेनों में आरक्षण करा लिया था, उनमें वे यात्री खुश हैं, जिन्हें कंफर्म टिकट मिला।
जिन्हें वेटिंग टिकट मिला है, उनका अब तक टिकट क्लीयर नहीं हो पाया है। दरअसल देश के अन्य बड़े शहर और टूरिस्ट स्पाट स्टेशनों तक जाने-आने के लिए जबलपुर से ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिल पा रहा है।
जबलपुर से सबसे ज्यादा सोमनाथ, अहमदाबाद, हावड़ा, न्यू जलपाईगुड़ी, कोयंबटूर, बेंगलुरु, दिल्ली, जम्मू जाने वाली ट्रेनों में भीड़ है। इन ट्रेनों में 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक सीटें फुल हैं। जबलपुर से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों में से तमाम ऐसी हैं जिनमें 15 जनवरी तक कंफर्म टिकट नहीं है। इस बार रेलवे ने हालिडे स्पेशल ट्रेन भी नहीं चलाई है, जिसका असर सामान्य ट्रेनों की वेटिंग में दिख रहा है।
जबकि पिछले साल भोपाल और जबलपुर से न्यू जलपाईगुड़ी, सूरत, मुंबई और बेंगलुरु के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं। जबलपुर से मुंबई और पुणे के लिए भी नियमित ट्रेन नहीं हैं, जिससे यात्रियों को मुंबई जाना भी मश्किल हो गया है। सप्ताह में तीन दिन चलने वाली गरीबरथ में भी लंबी वेटिंग लगी है और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में कई में तो वेटिंग भी नहीं मिल पा रहे हैं।
समयावधि बढ़ाने पर विचार
जबलपुर रेल मंडल ने जबलपुर से गोवा के बीच दो फेरे की स्पेशल ट्रेन चलाई है। इसकी दो से तीन दिन में ही सारी सीट फुल हो गईं। रेलवे अब इसकी समयावधि बढ़ाने पर विचार कर रहा है। रेलवे के मुताबिक 01703-04 रीवा-मडगांव-रीवा के मध्य स्पेशल ट्रेन चलेगी। इसमें 24 कोच लगाए गए हैं।