Jabalpur News : जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेल परिचालन प्रबंधन केंद्रीय स्तर पर अपनी चादर साफ दिखाने के लिए मंडल स्तर की गाड़ियों के यात्रियों के साथ अन्याय कर रहा है। मंडल की अनेक गाड़ियां ऐसी हैं, जिनको समय पर चलाने की दिशा में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है। ये गाड़ियां कोविड काल के बाद से ही भगवान भरोसे हैं। सुनवाई करने वाला काेई नहीं है। कई सुपरफास्ट श्रेणी की हैं, उनमें किराया अधिक लगता है और समय भी।
गाड़ी संख्या 22190/22189 रीवा इंटरसिटी 239 किलोमीटर का सफर करती है। यह सुपरफास्ट ट्रेन है, लेकिन इसे यह दूरी तय करने में छह घंटे से अधिक समय लगता है। यह गाड़ी लगभग रोज ही अपने शुरुआती स्टेशन से लेट रवाना की जा रही है और रास्ते में भी अनावश्यक रोक दिया जाता है। 11265/11266 अंबिकापुर एक्सप्रेस, 11651/11652 सिंगरौली इंटरसिटी, 11705/11706 रीवा शटल, 12182 दयोदया, 12191/12192 श्रीधाम सुपरफास्ट, 11271/11272 विंध्यांचल एक्सप्रेस सहित कई अन्य गाड़ियां ऐसी हैं, जो कभी समय पर नहीं चल पाती हैं। इनकी लेट लतीफी से दूसरे जोन से आने वाली गाड़ियों को सेफ-पैसेज देना है। मध्यप्रदेश जनसंपर्क क्रांति सुपरफास्ट को छोड़कर जो भी गाड़ियां जबलपुर आकर समाप्त होने वाली रहती हैं, उनको अंतिम 50 किलोमीटर के सफर में बैलगाड़ी बना दिया जाता है।
अपडाउनर्स का कहना है कि ये ट्रेनें कोरोना काल के बाद से ही समय पर नहीं चल पा रही हैं। अपवाद स्वरूप कुछ दिनों को छोड़ दें तो बीते सवा साल के दौरान ये कभी समय पर नहीं चलीं। मंडल मुख्यालय में समाप्त होने वाली ट्रेनों को उत्तर और पूर्वोत्तर की गाड़ियों के बाद छोड़ा जा रहा है। शुक्रवार को 22190 रीवा-जबलपुर सुपरफास्ट जबलपुर से नौ किलोमीटर पहले रोकी गई। इस दौरान दो ट्रेनों को आगे बढ़ाया गया।