जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। दुबई में बैठकर आनलाइन क्रिकेट सट्टे खिलवाने वाले सटोरिया सतीश सनपाल ने अपने अपने मा-बाप और पत्नी के नाम कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में ही बोगस कंपनियों से रकम भेजी गई। एसआइटी जांच में पता चला किया सतीश सनपाल ने पिता रामचन्द्र सनपाल, मां सीता सनपाल और पत्नी सोनिया सनपाल के नाम से एक नहीं बल्की पांच फर्मे खोल रखीं थीं। इन फर्मो में सतीश की उन 13 बोगस कम्पनियों से पैसा आता था, जिनमें क्रिकेट सट्टे की रकम भेजी जाती थी। यह इसलिए किया जाता था, ताकि सट्टे की रकम को एक नम्बर में दिखाया जा सके और यह बताया जा सके कि वह लेनदेन कम्पनियों से किया गया है। इतना ही नहीं मां, पिता और पत्नी के नाम खोली गई फर्मो का सतीश बकायदा ऑडिट भी कराता था, ताकि इन फर्मो पर किसी को संदेह न हो, लेकिन इन सभी फर्मो की जानकारी पुलिस को लग गई। अब पुलिस उनका भी पूरा ब्यौरा जुटा रही है।
मामले की जांच एसआईटी कर रही है। जांच में पता चला कि सतीश सनपाल ने 13 बोगस कंपनियों से स्वजन की कंपनियों में एक हजार करोड़ रुपए का ट्रांजक्शन किया गया। जब टीम आखिरी ट्रांजक्शन तक पहुंची, तो सतीश द्वारा परिजनों के नाम पर बनाई गई इन पांच फर्मो का खुलासा हुआ। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि यह रकम और बढ़ सकती है। एसआईटी सतीश की मां, पिता और पत्नी के नाम पर बनाई गई सभी फर्मो के बैंक एकाउंट्स की भी जांच कर रही है, ताकि यह खुलासा हो सके कि आखिरकार सतीश ने क्रिकेट सट्टे में कितनी रकम कमाई और उस काली कमाई को सफेद किया। एसआईटी के अनुसार बोगस कम्पनियों से परिजनों के नाम पर खुली फर्मो मे आने वाली रकम को सतीश सनपाल द्वारा प्रापर्टी में इन्वेस्ट किया जाता था। शहर में यह काम सतीश का सबसे करीबी माने जाने वाला फूटाताल निवासी आजम करता था। जांच के दौरान अब तक सतीश की विजय नगर, तिलवारा, भेड़ाघाट, अनंततारा, समेत कटनी और छतरपुर में भी संपत्तियों का पता चला है। जिनके दस्तावेज जुटाए जा रहे है।
आज खत्म होगी रिमांड
एसआईटी ने सतीश सनपाल के चाचा इन्द्रपुरी कालोनी निवासी मनोज सनपाल को शुक्रवार रात गिरफ्तार किया था। शनिवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया था। सोमवार को मनोज की पुलिस रिमांड खत्म होगी, जिसके बाद उसे न्यायालय में भेजा जाएगा।
--------------------
सटोरिए सतीश सनपाल ने मा-बाप नाम पर पांच फर्म खोल रखीं थीं, जिसमें बोगस कम्पनियों के जरिए पैसा जाता था। सट्टे की रकम से सतीश ने जबलपुर समेत कटनी और छतरपुर और अन्य जिलों में संपत्तियां खरीदीं हैं। जिनकी जांच हो रही है।-प्रियंका शुक्ला, सीएसपी बरगी