आलोक बैनर्जी, नईदुनिया, जबलपुर(Heart Attack in Gym )। सेहत को लेकर अब हर आयु वर्ग के महिला व पुरुष जागरूक हैं। फिट रहने की चाहत में बड़ा वर्ग जिम जा रहा है, लेकिन नगर के एक जिम में वर्कआउट के दौरान दिल का दौरा पड़ने से एक की मौत ने सब को चौंका दिया है। वर्तमान में शहर में जितने जिम सेंटर संचालित हैं, अधिकांश में अप्रशिक्षित ट्रेनर(Untrained Gym Trainers) लोगों को फिटनेस के टिप्स दे रहे हैं।
सवाल यह है कि जो खुद सीख रहा हो वह अन्य को कैसे फिट रहने(Fitness Tips) के गुर सिखाएगा। स्थानीय जिम संचालक तो ऐसे ही काम वर्षों से चला रहे हैं और अब एक दर्जन से अधिक नामचीन जिम सेंटरों का भी यही हाल है।
स्तरीय कोच के अभाव में प्रशिक्षणार्थी मसल्स बनाने व पावर लिफ्टर बनने की चाह में शार्टकट का फार्मूला अपना रहे हैं और हेवी वेट के फेर में जान जोखिम(Gym Health Risks) में डाल रहे हैं। आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार की सुविधा तक नहीं है।
जिम में हार्ट अटैक के प्रमुख कारण
अत्यधिक तीव्रता वाले व्यायाम जो रक्तदाब को असमान्य रूप से बढ़ाते हैं, उन्हें बिना अनुकूलता के करना जैसे तेज गति की दौड़ या साइकिलिंग या अत्यधिक भार के साथ कसरत करना। ऐसे लोग जिन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप या ह्रदय संबंधी समस्याओं का परिवारिक इतिहास हो। ऐसे लोगों को अतिरिक्त एहतियात बरतना चाहिए।
अत्यधिक स्मोकिंग, मद्यपान, असंतुलित आहार और मानसिक तनाव, अत्यधिक तीव्रता वाले व्यायाम में शरीर में खनिज लवणों और पानी की कमी, बिना सही वार्मअप के व्यायाम, किसी प्रामाणिक प्रशिक्षक के मार्गदर्शन के बिना व्यायाम करना और प्रशिक्षक को शरीर की चिकित्सकीय स्थिति के विषय में ना बताना या प्रशिक्षक द्वारा बिना जानकारी लिए व्यायाम करवाना नुकसानदेह साबित हो सकता है।
किसी भी प्रकार के व्यायाम को करने से पहले शारीरिक दक्षता के सभी घटकों का परीक्षण करें, किसी भी प्रकार की शक्ति वर्धक दवाओं का इस्तेमाल बचना चाहिए। अनुभवी और प्रामाणिक प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में ही व्यायाम करें और अपनी चिकित्सकीय स्थिति के विषय में प्रशिक्षक को अवश्य अवगत कराना आवश्यक है।
हर जिम में सीपीआर और एईडी की सुविधा और प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए। जिम में प्रवेश करने से पहले 40 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को कॉर्डियक फिटनेस की जांच करानी चाहिए। हल्के लक्षणों को भी हल्के में न लें। जिम स्टाफ को प्राथमिक चिकित्सा का नियमित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। स्वास्थ्य की देखभाल केवल अस्पताल तक सीमित नहीं है। यह हर जगह, हर दिन जरूरी है। जागरूक रहें और जीवन की रक्षा करें। - डॉ. भाविक धीरावाणी ह्दय रोग विशेषज्ञ
जिम अब आधुनिक रूप ले चुके हैं। ऐसे में ट्रेनर यदि अनुभवी व क्वालीफाइड नहीं होगा तो वह प्रशिक्षुओं के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। अत: शारीरिक शिक्षा का कोर्स ट्रेनर के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। आधुनिक जिम में एसी का इस्तेमाल होने लगा है। जिससे बाहर और अंदर के तापमान में बहुत अंतर होना स्वाभाविक है। खुद को फिट रखने भर से बात नहीं बनती, बल्कि शारीरिक क्षमता का ज्ञान भी आवश्यक है। - सुशील कुमार शर्मा हेल्थ एजुकेशन विशेषज्ञ